Panchang 17 August 2025: आज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि, मनाया जा रहा नन्दोसव
Nandotsav: भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन पूरे ब्रजभूमि में हर्षोल्लास के साथ नंदोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि जब मथुरा की कारागार में देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तो वासुदेव जी उन्हें सूप में रखकर यमुना नदी पार कर गोकुल पहुंचे। वहां उन्होंने नंदबाबा और यशोदा के सुपुर्द कर दिया, ताकि कंस को इस दिव्य बालक के जन्म का पता न चल सके।
गोकुल पहुंचने पर नंदबाबा के घर उल्लास का वातावरण छा गया। भगवान के आगमन की खुशी में पूरा गांव आनंदित हो उठा और तभी से ‘नंदोत्सव’ की परंपरा आरंभ हुई। इस दिन ब्रज में विशेष उत्सव का आयोजन होता है। गोकुल, वृंदावन, नंदगांव और मथुरा सहित संपूर्ण ब्रज में मंदिरों और घरों को सजाया जाता है। भक्तगण कीर्तन, झांकियां और नृत्य-गान के माध्यम से इस पावन अवसर का स्वागत करते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक नंदोत्सव केवल उत्सव नहीं बल्कि प्रेम, भक्ति और आनंद का प्रतीक है। यह पर्व बताता है कि भगवान श्रीकृष्ण केवल देवकी-वासुदेव के ही नहीं, अपितु समस्त संसार के हर भक्त के हैं। नंदोत्सव में गौपूजन, माखन-चोरी की झांकियां और दही-हांडी जैसी परंपराएं भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहती हैं।
Panchang 17 August 2025: राष्ट्रीय मिति श्रावण 26
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
माह भाद्रपद (कृष्ण पक्ष)
तिथि नवमी (सायं 07:25 तक), उपरांत दशमी
वार रविवार
सौर मास भाद्रपद मास प्रविष्टे 02
अंग्रेजी तिथि 17 अगस्त 2025 ई॰
सूर्य स्थिति दक्षिणायण, उत्तर गोल
ऋतु वर्षा ऋतु
राहुकाल सायं 04:30 बजे – 06:00 बजे
नक्षत्र रोहिणी (03:18 AM तक), उपरांत मृगशिरा
योग व्याघात (01:40 AM तक), उपरांत हर्षण
करण तैतिल (08:30 AM तक), उपरांत वणिज
विजय मुहूर्त दोपहर 02:36 – 03:29
निशीथ काल रात्रि 12:03 – 12:47
गोधूलि बेला सायं 06:58 – 07:20
चन्द्र स्थिति वृष राशि
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।