Panchang 11 September 2025: महाभरणी श्राद्ध आज, जानें क्या है इसका महत्व और विधि
Mahabharani Shradh 2025: आज चतुर्थी व पंचमी तिथि का श्राद्ध है। चतुर्थी तिथि दोपहर 12.46 तक है। इसके बाद पंचमी तिथि का प्रारंभ हो रहा है। आज चतुर्थी-पंचमी तिथि और भरणी नक्षत्र का संगम है, जिससे यह अवसर और भी शुभ हो जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक आज महाभरणी श्राद्ध है। इसे शास्त्रों में गया जी में किए गए श्राद्ध के समान फलदायी बताया गया है। भरणी नक्षत्र को यमराज का नक्षत्र माना जाता है। अतः इस दिन किया गया तर्पण पितरों तक सीधे पहुंचता है और वे संतुष्ट होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि यदि किसी पूर्वज की मृत्यु भरणी नक्षत्र में हुई हो, तो उनका श्राद्ध इसी दिन करना चाहिए। इतना ही नहीं, यदि कोई अपने पूर्वज का श्राद्ध उनकी तिथि पर न कर पाए, तो भरणी नक्षत्र में किया गया श्राद्ध भी पूर्ण फलदायी होता है।
महाभरणी श्राद्ध के दौरान नियमपूर्वक संकल्प लेकर दक्षिणमुख होकर तर्पण करना चाहिए। तिल, जल, कुशा, चावल, घी और जौ के आटे से बने पिंड अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन व दक्षिणा देकर अन्न, वस्त्र और आवश्यक वस्तुओं का दान करना श्रेयस्कर माना जाता है।
धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि इस दिन किया गया श्राद्ध पितरों को तीर्थयात्रा के समान फल प्रदान करता है। यह श्राद्ध करने से पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। विशेषकर वे पूर्वज जिनकी अपूर्ण इच्छाएं रह गई हों, उन्हें भी शांति प्राप्त होती है। इसलिए महाभरणी श्राद्ध पितरों की आत्मा की शांति और परिवार के कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Panchang 11 September 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 20, शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास आश्विन, कृष्ण पक्ष
तिथि चतुर्थी (12:46 PM तक), उपरांत पंचमी
वार गुरुवार (11 सितंबर 2025 ई.)
सौर मास भाद्रपद मास प्रविष्टे 27
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, उत्तर गोल
ऋतु शरद ऋतु
नक्षत्र अश्विनी (01:58 PM तक), उपरांत भरणी नक्षत्र
योग धृतिमान (05:05 PM तक), उपरांत व्याघात योग
करण बालव (12:26 PM तक), उपरांत तैतिल करण
राहुकाल दोपहर 01:30 PM – 03:00 PM
विजय मुहूर्त 02:22 PM – 03:12 PM
निशीथ काल 11:55 PM – 12:41 AM
गोधूलि बेला 06:31 PM – 06:54 PM
चंद्रमा की स्थिति मीन राशि (04:10 AM तक), उपरांत मेष राशि
विशेष चतुर्थी-पंचमी श्राद्ध, महाभरणी श्राद्ध
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।