मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

Mahashivratri 2025 : माता पार्वती नहीं तो फिर किसने रखा था सबसे पहले शिवरात्रि का व्रत?

Mahashivratri 2025 : माता पार्वती नहीं तो फिर किसने रखा था सबसे पहले शिवरात्रि का व्रत?
Advertisement

चंडीगढ़, 25 फरवरी (ट्रिन्यू)

शिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करने का दिन है। इसे खासतौर पर शिव भक्तों द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले शिवरात्रि का व्रत किसने रखा था। ज्यादातर लोगों को लगता है कि सबसे पहले व्रत माता पार्वती ने रखा था जबकि ऐसा नहीं है।

Advertisement

किसने रखा था सबसे पहले महाशिवरात्रि का व्रत?

शिवरात्रि का व्रत बहुत प्राचीन माना जाता है। इसका इतिहास महाभारत और पुराणों में मिलता है। व्रत रखने की पहली कथा भगवान शिव और देवी पार्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, व्रत सबसे पहले भगवान शिव ने स्वयं संसार के कल्याण के लिए रखा था। इसके बाद माता पार्वती, देवता, विभिन्न ऋषि-मुनियों और भक्तों ने इस व्रत रखना को शुरु कर दिया।

देवताओं ने भी रखा था शिवरात्रि का व्रत

एक बार जब राक्षसों से त्रस्त देवताओं ने भगवान शिव से सहायता मांगी तो उन्हें शिवरात्रि व्रत रखने के लिए कहा गया। इस व्रत के पालन से न केवल मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है बल्कि राक्षसों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। इसके बाद यह व्रत धीरे-धीरे प्रचलित हो गया। आज इस व्रत की मान्यता विश्वभर में है।

महाभारत में भी मिलता है जिक्र

वहीं महाभारत में एक कहानी मिलती है, जिसमें राजा हरिशचंद्र ने इस व्रत को विधिपूर्वक रखा था। व्रत के प्रभाव से उन्हें अपार पुण्य की प्राप्ति हुई और उनके दुख समाप्त हो गए। राजा हरिशचंद्र के बाद भी कई अन्य राजा और ऋषि-मुनि इस व्रत को रखने लगे।

मोक्ष की होती है प्राप्ति

शिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। यह व्रत आत्मशुद्धि, तपस्या, और भक्ति का प्रतीक है। जो भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और रात भर जागकर शिवलिंग की पूजा करते हैं, उन्हें न केवल भौतिक सुख मिलते हैं, बल्कि मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsHindu DharmHindu Religionlatest newsMahashivratriMahashivratri 2025Religious beliefsReligious StoriesShivratriShivratri vratदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूज