Mahakumbh 2025 : विदेशी संतों को रास आ रहा है सनातन संस्कृति का महापर्व, शुरू किया ये काम
महाकुंभ नगर, 15 दिसंबर (भाषा)
प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन से पहले ही नगर में देश विदेश से साधु संत अपना शिविर लगाने आने लगे हैं। अखाड़ों की धर्म ध्वजा, नगर प्रवेश और कुंभ छावनी प्रवेश यात्रा की परंपरा में महाकुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे विदेशी साधु संतों को भी नव्य व्यवस्था रास आ रही है।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में शामिल हुईं। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोम गिरी उर्फ पायलट बाबा की जापानी शिष्या योग माता और महामंडलेश्वर केको केई का कहना है कि जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा से आगामी महाकुंभ के आयोजन का अंदाजा लगने लगा है। उनके मुताबिक, हवाई संपर्क से लेकर सड़क और रेल परिवहन की व्यवस्था अच्छी है।
नेपाल से आई महिला संत और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमा नंद गिरी का कहना है कि संतों का सौभाग्य है कि जिस प्रदेश में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वहां के मुख्यमंत्री भी एक संत हैं। इस आयोजन को लेकर उनकी तरफ से जैसी तैयारियां चल रही हैं उससे सनातन धर्म का प्रचार प्रसार नेपाल सहित दुनिया के विभिन्न देशों में अब तेजी से हो रहा है। महाकुंभ को दिव्य, भव्य और स्वच्छ स्वरूप देने के साथ ही डिजिटल परिकल्पना से विदेशी संत भी खुश हैं।
स्पेन से अखाड़ों के विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेने आईं जूना अखाड़े की अवधूत अंजना गिरी (पूर्व नाम एंजिला) का कहना है कि पिछले 30 वर्षों से वह लगातार यहां कुंभ और महाकुंभ में अपने गुरु के साथ आती रही हैं लेकिन इस बार महाकुंभ की अनुभूति अलग है। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाने और डिजिटल माध्यम से सूचना उपलब्ध कराए जाने से विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए मेले का आनंद उठाना सुगम होगा।
फ्रांस से महाकुंभ में जूना अखाड़े के आयोजन में शामिल होने आए ब्रूनो गिरी कहना है कि आयोजन में वह पहले भी दो बार आए चुके हैं लेकिन इस बार शहर बदला बदला सा लगता है, उत्सव की अनुभूति होती है।
