Karwa Chauth 2025: करवाचौथ पर बन रही सूर्य व शुक्र की युति, इन राशि वालों के लिए मिलेगा लाभ
Karwa Chauth 2025: आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। तृतीया तिथि रात्रि 10.55 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी का आरंभ हो जाएगाा और करवाचौथ का व्रत कल यानी 10 अक्तूबर को रखा जाएगा।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष करवाचौथ ज्योतिषीय दृष्टि से भी अद्वितीय है। आज से शुक्र व सूर्य की कन्या राशि में युति बन रही है। वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को धन, वैभव, ऐश्वर्य, भौतिक सुख और वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है, जबकि सूर्य आत्मविश्वास, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और सरकारी पद का प्रतीक है। यह ग्रह संयोग कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ सिद्ध होगा और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति के नए द्वार खोलेगा।
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शास्त्री के अनुसार सिंह राशि के जातकों के लिए यह युति आर्थिक दृष्टि से बेहद लाभकारी रहेगी। धन और वाणी स्थान में बन रहा यह संयोग अचानक धन लाभ, आय के नए स्रोत और पुराना रुका धन मिलने के योग बना रहा है। इस दौरान आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और वाणी का प्रभाव बढ़ेगा।
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वहीं कन्या राशि के जातकों के लिए यह युति प्रथम भाव में बन रही है, जिससे योजनाएं सफल होंगी और रुके हुए कार्य पूरे होंगे। नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन का अवसर मिल सकता है। शिक्षा और करियर के क्षेत्र में लाभ होगा, वहीं वैवाहिक जीवन में सौहार्द बढ़ेगा। अविवाहित जातकों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं। अनिल शास्त्री का कहना है कि शुक्र सूर्य की युति वृश्चिक व मीन राशि के जातकों को भी शुभ फल देगी।
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Panchang 9 October 2025: राष्ट्रीय मिति आश्विन 17
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास (चांद्र) कार्तिक, कृष्ण पक्ष
तिथि तृतीया – रात्रि 10:55 बजे तक, उपरांत चतुर्थी आरंभ
वार बृहस्पतिवार
सौर मास आश्विन मास प्रविष्टे 24
अंग्रेजी तिथि 09 अक्टूबर 2025 ई॰
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु शरद ऋतु
नक्षत्र भरणी – रात्रि 08:02 बजे तक, उपरांत कृतिका
योग वज्र योग – रात्रि 09:32 बजे तक, उपरांत सिद्धि योग
करण वणिज करण – दिन 12:38 बजे तक, उपरांत बव करण
राहुकाल अपराह्न 01:30 बजे से 03:00 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:05 बजे से 02:51 बजे तक
निशिथ काल रात 11:44 बजे से 12:33 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 05:58 बजे से 06:23 बजे तक
चन्द्र स्थिति अर्धरात्रोत्तर 01:23 बजे तक मेष राशि, उपरांत वृष राशि में संचार
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।