Karwa Chauth 2025 : व्रत के दिन सुई-धागा मत चलाओ... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
Karwa Chauth 2025 : आज सभी भारतीय महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत कर रही हैं। इस दिन महिलाएं पूरा दिन भूखी-प्यासी रहती हैं और रात को चंद्रमा को अर्ध्य देने के लिए पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं। करवाचौथ व्रत में बहुत सी बातें का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें एक है कि इस दिन व्रती महिलाओं को सुई-धागा चलाने की मनाही होती है लेकिन क्या आप जानती हैं कि ऐसा क्यों है....
आपने अक्सर दादी-नानी व बड़े बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा कि व्रत के दिन सुई-धागा मत चलाओ... चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे छिपे कारण...
दादी-नानी क्यों करती है मना?
व्रत के दिन व्यक्ति का ध्यान भौतिक कार्यों से हटाकर ईश्वर की भक्ति, साधना और आत्मशुद्धि की ओर केंद्रित होता है। सुई-धागे का काम बहुत सूक्ष्म और एकाग्रता मांगने वाला होता है, जो व्यक्ति का मन सांसारिक गतिविधियों में उलझा सकता है। माना जाता है कि सिलाई-बुनाई जैसे कार्य करने से पूजा और साधना की एकाग्रता भंग हो सकती है इसलिए सुई-धागे जैसे कामों से बचने की सलाह दी जाती है।
धार्मिक नियम
हिंदू धर्म में व्रत के दिन कुछ विशेष नियम होते हैं जिन्हें पालन करना जरूरी माना जाता है, जैसे ब्रह्मचर्य, सात्विकता और संयम। कुछ परंपराओं के अनुसार, व्रत के दिन सुई-धागे का उपयोग करने से ऊर्जा प्रवाह में बाधा आती है। विशेषकर स्त्रियों के लिए यह सलाह दी जाती है कि वे व्रत के दिन न तो बाल बनाएं, न कपड़े सिलें और न ही कोई नया काम शुरू करें।
रिश्तोंं के लिए नहीं होता अच्छा
सुई और धागे से जुड़ा कोई भी काम इस व्रत के दिन अशुभ माना जाता है, जिससे पूजा का पुण्य घट सकता है। ऐसा भी माना जाता है कि सुई और धागे से जुड़ा कोई भी काम इस व्रत के दिन अशुभ माना जाता है, जिससे पूजा का पुण्य घट सकता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।