सत्य से सुख
एकदा
Advertisement
महात्मा बुद्ध अपने अनुयायियों को उपदेश कर रहे थे। उपदेश समाप्त होने के बाद एक जिज्ञासु ने प्रश्न किया, ‘प्रभु! सच्चा सुखी कौन है?’ भगवान बुद्ध ने समझाया, ‘वही सुखी है जिसने स्वार्थ भावना का परित्याग कर सत्य को जान लिया है। सत्य को जान लेने वाले को ही वस्तुत: सच्ची शांति प्राप्त होती है।’ ‘सत्य क्या है?’ जिज्ञासु का दूसरा प्रश्न था। भगवान बुद्ध ने उसे समझाया, ‘सबसे बड़ा सत्य जीवन की निस्सारता अर्थात मृत्यु है। मृत्यु का सदैव स्मरण ही गलत कार्यों से बचाकर शुभ संकल्प की प्रेरणा देने वाला है। अतः इस परम सत्य को धारण कर लेना चाहिए।’ जिज्ञासु का पूर्ण समाधान हो गया था
Advertisement
Advertisement