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Gyan ki Baatein : इन 4 लोगों को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन... जानिए दादी-नानी की बातों का महत्व

Gyan ki Baatein : इन 4 लोगों को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन... जानिए दादी-नानी की बातों का महत्व
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चंडीगढ़, 12 मार्च (ट्रिन्यू)

Gyan ki Baatein : होलिका दहन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे रंगों के त्योहार होली से पहले मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसके साथ ही, इस दिन को लेकर कई मान्यताएं और परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं। इनमें से एक मान्यता यह है कि होलिका दहन के समय कुछ विशेष लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

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अक्सर आपने दादी-नानी को भी कहते हुए सुना होगा कि प्रेग्नेंसी या नई-नवेली दुल्हन को होलिका दहन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। दादी-नानी की दी हुई सलाह व परंपराओं का पूरी तरह से समझकर ही पालन करें, क्योंकि ये सदियों के अनुभव पर आधारित होती हैं।

प्रेग्नेंट महिलाएं

गर्भवती महिलाओं के लिए दादी-नानी की सलाह रही है कि उन्हें होलिका दहन के समय बाहर नहीं जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस समय वातावरण में कुछ हानिकारक ऊर्जा हो सकती है, जो गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती है।

इसके अलावा, इस समय की नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए उन्हें घर के अंदर रहना चाहिए। यह भी माना जाता है कि गर्भवती महिलाओं को इस दिन आग के पास नहीं जाना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।

बच्चे या नवजात शिशु

दादी-नानी अक्सर कहती थीं कि छोटे बच्चों को भी होलिका दहन के समय बाहर नहीं भेजना चाहिए। इसके पीछे एक कारण यह है कि बच्चों की त्वचा और शारीरिक संरचना अधिक संवेदनशील होती है। अगर बच्चों को होलिका दहन के आसपास भेजा जाता है, तो वे अजनबी और खतरनाक वातावरण से प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही, बच्चों को होलिका दहन की आग से भी बचाए रखने की सलाह दी जाती है, ताकि कोई दुर्घटना न हो।

नवविवाहिता लड़कियां

ऐसा कहा जाता है कि शादी के बाद पहली होली मनाने वाली दुल्हनों को भी होलिका दहन नहीं देखना चाहिए। पौराणिक नियम है कि नई नवेली दुल्हन का होलिका दहन देखना अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर नई नवेली दुल्हन होलिका दहन देख ले तो उससे उनका रिश्ते में परेशानियां उत्पन्न हो सकती है।

मानसिक या शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे लोग

अगर कोई व्यक्ति मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान है तो उसे भी होलिका दहन के समय बाहर नहीं जाना चाहिए। माना जाता है कि इस समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा हो सकती है, जो इन लोगों के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

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