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Gyan ki Baatein : पैरों से बिछिया मत उतारो... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?

Gyan ki Baatein : पैरों से बिछिया मत उतारो... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
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चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)

Gyan ki Baatein : हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाओं के लिए श्रृंगार का विशेष महत्व है, जो ना सिर्फ सुहागिन होने का प्रतीक है बल्कि इसके कई धार्मिक कारण भी है। उन्हीं सोलह श्रृंगार में से एक है पैरों में बिछियां पहनना। पैरों की बिछिया सुहाग की निशानी मानी जाती है। अक्सर आपने भी बुजुर्ग महिलाओं को कहने हुए सुना होगा कि पैरों से बिछिया मत उतारो... सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक तर्क भी यही कहते हैं कि महिलाओं को पैरों में बिछिया पहननी चाहिए। चलिए जानते हैं क्यों...

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पैरों में क्यों पहनना चाहिए बिछिया

ज्योतिष की मानें तो पैरों में बिछिया पहनने से ग्रहों की स्थिति ठीक रहती है और इससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा बिछिया पहनने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे ना सिर्फ रिश्ते की नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है बल्कि इससे पति-पत्नी के संबंध अच्छे रहते हैं।

कितनी उंगलियों में पहननी चाहिए बिछिया?

कुछ महिलाएं पैरों की सभी उंगलियों में बिछिया पहन लेती हैं जोकि गलत है। शास्त्रों के अनुसार, पैर की अंगूठे के पास वाली उंगली में ही बिछिया पहननी चाहिए। इसे शुभ माना जाता है। इस उंगली में बिछिया पहनने से नव ग्रह शांत होते हैं, जिससे ग्रहों की कृपा मिलती है।

सोने की बिछिया ना पहनें

शास्त्रों के अनुसार, पैरों में सोने के आभूषण नहीं पहनने चाहिए। हिंदू धर्म में सोने को पैरों में पहनना अशुभ माना गया है। इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। ऐसे में आप पारों में चांदी, तांबे या किसी ओर धातु की बिछियां ही पहनें।

क्या कहता है विज्ञान?

एक्सपर्ट की मानें तो पैरों में बिछिया पहनने से रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। साथ ही इससे मन शांत रहता है, जिससे महिलाएं तनाव व डिप्रेशन से बची रहती हैं।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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