Gyan ki Baatein : तवा उल्टा मत रखो, घर में लड़ाई होगी... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 10 अप्रैल (ट्रिन्यू)
Gyan ki Baatein : "तवा उल्टा मत रखो, घर में लड़ाई होगी".... कई लोगों ने अपनी दादी-नानी या घर की बुजुर्ग महिलाओं से सुना अक्सर यह होगा। भारतीय समाज में ऐसे कई लोकविश्वास, परंपराएं और घरेलू नियम चले आ रहे हैं, जिनका सीधा संबंध सामाजिक अनुशासन, मानसिक शांति या घर की व्यवस्था से होता है। आइए समझते हैं कि दादी-नानी ऐसा क्यों कहती हैं...
क्या कहता है वास्तु शास्त्र?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तवे को उल्टा रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि में कमी आ सकती है, इसलिए तवे को हमेशा सीधा रखना चाहिए।
घर में आएगी आर्थिक तंगी
ऐसा माना जाता है कि तवे को उल्टा रखने से घर में आर्थिक तंगी आ सकती है और परिवार के सदस्यों के बीच कलह हो सकता । इसके अलावा तवे को हमेशा साफ रखना चाहिए, क्योंकि गंदे तवे से भी नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
साफ-सफाई और व्यवस्था का संकेत
तवा (या तवा/तव्वा) रसोई का एक ज़रूरी बर्तन है, जिस पर रोटियाँ, पराठे, आदि पकाए जाते हैं। तवे का नीचे वाला हिस्सा अक्सर कालिख से काला और गंदा होता है। अगर उसे उल्टा रखा जाए तो वो गंदगी रसोई के स्लैब या अन्य बर्तनों पर फैल सकती है। दादी-नानी स्वच्छता को लेकर बहुत सतर्क रहती थीं। उनके लिए रसोई एक पवित्र स्थान है इसलिए तवा उल्टा रखने को वे अनुशासनहीनता और गंदगी फैलाने जैसा मानती थीं।
रसोई की पवित्रता और गृहशांति का संबंध
भारतीय संस्कृति में रसोई को देवी अन्नपूर्णा का स्थान माना गया है। माना जाता है कि रसोई में अगर असावधानी बरती जाए तो उसका असर पूरे घर की ऊर्जा पर पड़ता है। तवा, चूल्हा, और थाली जैसे बर्तनों को सम्मानजनक तरीके से रखना इसी सोच का हिस्सा है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।