Gyan Ki Baatein : माघ पूर्णिमा पर दूध दान मत करना... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
चंडीगढ़, 11 फरवरी (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baatein : हिंदुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण और शुभ महीनों में से एक माघ पूर्णिमा है, जो माघ महीने में आती है। उदयातिथि के अनुसार माघी पूर्णिमा 12 फरवरी यानि कल है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान, देवता मनुष्यों का रूप धारण करके पृथ्वी पर प्रयागराज में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान देने के लिए आते हैं। हालांकि अगर आप प्रयागराज नहीं जा पा रहे तो घर पर भी गंगाजल को पानी में मिलाकर स्नान कर सकते हैं। साल 2025 में माघ पूर्णि 12 फरवरी दिन बुधवार को पड़ रही है।
माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान के अलावा दान आदि भी करना शुभ माना जाता है लेकिन इस दिन किसी को भी दूध दान ना करें। आपने भी अक्सर दादी-नानी को कहते हुए सुना होगा कि पूर्णिमा पर दान-नमक आदि दान मत करो। चलिए जानते हैं कि इसकी मनाही क्यों होती है।
क्योंं दान नहीं करना चाहिए दूध?
ऐसा कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन दूध का दान नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे शनि या चंद्र दोष लग सकता है। शनि व चंद्र दोष से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि माघ पूर्णिमा के दिन दूध डालकर स्नान करना अच्छा माना जाता है। इससे चंद्रमा मजबूत होता है और मन शांत होता है।
माघ पूर्णिमा के दिन इन चीजों का भी ना करें दान?
माघ पूर्णिमा के दिन लोहे से बनी चीजें, काले रंग के कपड़े , चांदी, नमक, चाकू, सुई या कैंची का दान देना भी गलत माना जाता है। इससे भी शनि या चंद्रदोष लग सकता है।
क्या दान करें?
माघ पूर्णिमा के दिन अनाज जैसे चावल, दाल और गेहूं, घी ,कंबल, गर्म कपड़े, फल-सब्जियां, मिठाई, दही, सफेद चावल, चंदन, गुड़ और दीपक दान देना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।