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Gyan Ki Baat: खड़े होकर पानी पीने पर क्यों डांटती है दादी-नानी, जानिए सेहत के लिए क्यों हानिकारक

Gyan Ki Baat: खड़े होकर पानी पीने पर क्यों डांटती है दादी-नानी, जानिए सेहत के लिए क्यों हानिकारक
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चंडीगढ़, 20 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Gyan Ki Baat: पानी ना सिर्फ शरीर को हाइड्रेट रखता है बल्कि इससे कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है लेकिन आयुर्वेद में पानी पीने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिसमें से एक है बैठकर पानी पीना। आयुर्वेद में बताया गया है कि कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए।

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खड़े होकर पानी पीने पर आपने भी अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों से डांट खाई होगी। अगर खड़े होकर पानी पीते देख लेती हैं तो दादी-नानी तुरंत टोक कर कहती है कि आराम से बैठकर पानी पियो। हालांकि अक्सर लोग जल्दबाजी में खड़े होकर ही पानी पी लेते हैं और धीरे-धीरे ये उनकी आदत बन जाती है।

क्या कहता है ज्योतिषशास्त्र?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से ग्रहों खराब होते हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन में अनेकों बाधाएं आती हैं। दरअसल, मानव शरीर पंच तत्वों से बना है, जिसमें एक जल भी है। शरीर में जल सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को संचारित करता है। वहीं, जल का संबंध चंद्रमा से होता है। ऐसे में खड़े होकर पानी पीने से चंद्रमा की स्थिति खराब होती है, जिससे शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

खड़े होकर पानी पीने की आयुर्वेद मान्यता

आयुर्वेद के अनुसार, खड़े होकर या लेटकर पानी पीने से किडनी , लंग्स के साथ-साथ पाचन से जुड़ी समस्याएं भी घेर सकती है। पानी हमेशा बैठकर और धीरे-धीरे एक-एक सीप में पीना चाहिए।

क्या कहता है इस्लाम?

इस्लाम के मुताबिक भी खड़े होकर पानी पीना हराम समझा गया है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा था, "बैठो और पियो"। हालांकि, आबे जमजम और वजू का बचा हुआ पानी खड़े होकर पीना ठीक माना गया है।

खड़े होकर पानी पीने के सेहत से जुड़े नुकसान

- खड़े होकर पानी पीने से आपके पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे अपच, गैस्ट्रिक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

-जब आप खड़े होकर तेजी से पानी पीते हैं तो नसें तनाव की स्थिति में होती हैं। इससे तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ और अपच बढ़ जाते हैं। वास्तव में, यह जोड़ों में तरल पदार्थ जमा करता है, जिससे गठिया की समस्या हो सकती है।

- खड़े होकर पानी पीने से जरूरी पोषक तत्व और विटामिन लीवर और पाचन तंत्र तक नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे फेफड़ों और हृदय की कार्यप्रणाली को खतरा होता है।

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