Gyan Ki Baat : मौनी अमावस्या आज, जानिए इस दिन बाल खुले रखने पर क्यों टोकती है दादी-नानी
चंडीगढ़ , 29 जनवरी (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat : साल 2025 की पहली अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को है, जिसे माघी या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस अमावस्या का शुभ समय 28 जनवरी को शाम 7:35 बजे से 29 जनवरी को शाम 6:05 बजे तक है। अमावस्या हमारे 'पितृ' को समर्पित एक दिन है और इसके अपने नियम और कानून हैं। हिंदू धर्म में इस दौरान पितरों के निमित्त स्नान, दान, तर्पण आदि करने का विधान है।
अमावस्या का महत्व
हिंदू धर्म में अमावस्या के दिन पवित्र स्नान, दान और ध्यान करने का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है।पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या पर कुछ कामों को करने की मनाही होती है क्योंकि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जाएं सक्रिय रहती है।
क्यों नहीं छोड़ने चाहिए खुले बाल?
ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान बालों को खुला छोड़ने की भी मनाही होती है। बेशक, समय बदल गया है, और कई लोग इस परंपरा को पुराना मान सकते हैं। हालांकि कई लोग ऐसे भी है, जो इन नियमों का आज भी पालन करते हैं। चलिए ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी...
हिंदू धर्म में, बालों को ऊर्जा का एक शक्तिशाली संवाहक माना जाता है। यही वजह है कि अमावस्या पर बालों को खुला ना छोड़ने के लिए कहा जाता है। वहीं, इस दौरान लोगों को अपने बाल न धोने की भी सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे उनकी कुंडली में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
ना करें ये काम
अमावस्या के दौरान सिर पर तेल भी नहीं लगाना चाहिए। इसके बजाए इस दिन तेल का दान करना लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि तेल शनि से जुड़ा हुआ है और कुंडली से शनि दोष को खत्म करने में मदद करता है। अमावस्या के दिन लोगों को नाखून या बाल नहीं काटने चाहिए क्योंकि इससे उन्हें पितृ दोष के भयानक दुष्प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।