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Gyan Ki Baat : दहलीज पर मत उतारो जूते-चप्पल... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी

Gyan Ki Baat : दहलीज पर मत उतारो जूते-चप्पल... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी
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चंडीगढ़ , 25 जनवरी (ट्रिन्यू)

Gyan Ki Baat : वास्तु शास्त्र में जूते-चप्पल को लेकर कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है। हिंदू धर्म में बड़े-बुजुर्ग और दादी-नानी भी इन नियमों का सदियों से पालन करते आ रहे हैं। आपने अक्सर अपने बड़े व दादी-नानी को भी कहते हुए सुना होगा कि जूते-चप्पल सीधे रखो, इन्हें दहलीज के सामने मत उतारो वगैरह-वगैरह।

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वास्तु शास्त्र कहता है कि मुख्य द्वार के सामने या आसपास जूते-चप्पलों का ढेर भी नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। यही कारण है कि दादी-नानी हमेशा दहलीज पर जूते-चप्पल उतारने के लिए मना करती हैं। मान्यता है कि मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल उतारने से ना सिर्फ घर में नकारात्मकता आती है बल्कि इससे घर में दरिद्रता का भी वास होता है।

क्या कहता है शास्त्र?

ऐसी मान्यता है कि मुख्य द्वार से ही माता लक्ष्मी व देवता घर में प्रवेश करते हैं। ऐसे में अगर यहां जूते-चप्पल का ढेर लगा रहेगा तो उन्हें बुरा लगेगा। मुख्य द्वार  पर जूते-चप्पल रखना मां लक्ष्मी का अपमान समझा जाता है, जिससे परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

दहलीज पर राहु ग्रह का वास

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार या दहलीज पर राहु ग्रह वास करता है इसलिए यहां जूते-चप्पल उतारने की मनाही होती है। इससे राहु का दुष्प्रभाव बढ़ता है और परिवार में अशांति और दुर्भाग्य आता है।

क्या करें?

हालांकि जूते-चप्पलों को घर के बाहर ही उतारना चाहिए लेकिन इसे मुख्य द्वार से दूर रखे, ताकि धूल-मिट्टी या गंदगी घर में प्रवेश ना करें। साथ ही जूते-चप्पल रखने के लिए शू-रैक का इस्तेमाल करें ।दहलीज पर बिखरे जूते-चप्पलों से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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