Gopashtami 2025: गोपाष्टमी आज, यहां पढ़ें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार, क्या है पूजा विधि
Gopashtami 2025: आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इसे गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। गोपाष्टमी के दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण और गो माता की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गाय चराने का कार्य आरंभ किया था, इसलिए इसे गोपाष्टमी कहा जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार पद्म और भागवत पुराण में वर्णित इस पर्व का विशेष उत्सव ब्रज, मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है। इस अवसर पर गायों को स्नान कराया जाता है, उन्हें फूलों और वस्त्रों से सजाया जाता है। भक्तजन गोशालाओं में दान करते हैं और गायों को गुड़ व हरा चारा खिलाकर पुण्य अर्जित करते हैं। कहा जाता है कि गोपाष्टमी पर गोमाता और श्रीकृष्ण की आराधना से जीवन के संकट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Panchang 30 October 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 08, शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास कार्तिक (शुक्ल पक्ष)
तिथि अष्टमी (प्रातः 10:07 बजे तक), उपरांत नवमी आरंभ
वार बृहस्पतिवार
सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 13
अंग्रेजी तारीख 30 अक्टूबर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
राहुकाल दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
नक्षत्र श्रवण (सायं 6:33 बजे तक), उपरांत धनिष्ठा आरंभ
योग शूल (प्रातः 7:28 बजे तक), उपरांत गण्ड योग आरंभ
करण बव (10:07 बजे तक), उपरांत कौलव करण आरंभ
विजय मुहूर्त दोपहर 1:55 बजे से 2:40 बजे तक
निशिथ काल रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 5:37 बजे से 6:03 बजे तक
चंद्र राशि मकर
विशेष योग / पर्व गोपाष्टमी
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
