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दरियादिली और कला निष्ठा

एकदा
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साहिर लुधियानवी को फिल्म ‘ताजमहल’ के गीत ‘जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फिल्मफेयर पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई थी। लेकिन साहिर ने पुरस्कार लेने से साफ इनकार कर दिया। जब आयोजकों ने इसका कारण पूछा, तो साहिर ने कहा कि फिल्म 'बंदिनी' में शैलेंद्र द्वारा लिखा गया गीत ‘मत रो माता लाल तेरे बहुतेरे’ उनके गीत से कहीं अधिक बेहतर है और यह गीत पुरस्कार के योग्य है। साहिर का मानना था कि शैलेंद्र का गीत कहीं अधिक प्रभावी और भावुक करने वाला है, इसलिए पुरस्कार शैलेंद्र को मिलना चाहिए। यह घटना साहिर की दरियादिली और अपनी कला के प्रति उनकी निष्ठा को प्रदर्शित करती है, क्योंकि वे अपनी कला को प्रतिस्पर्धा से ऊपर मानते थे और दूसरों की श्रेष्ठता को स्वीकार करने में कभी नहीं हिचकते थे।

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