स्वामी विवेकानंद जब विदेश के दौरे पर थे तो उन्हें कुछ पादरियों ने एक धार्मिक सभा में आकर व्याख्यान देने का निमंत्रण दिया। स्वामी विवेकानंद सभा में नियत समय पर पहुंच गए। पादरियों ने वहां दुनिया के समस्त धर्मग्रंथों को सजाकर रख रखा था। भारत को नीचा दिखाने के लिए ‘गीता’ को सबसे नीचे और अपनी ‘बाइबिल’ को सबसे ऊपर रखा था। एक पादरी ने स्वामी जी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उनसे पूछा—देखिए तो सही, आपके धर्मग्रंथ का स्थान कहां है? स्वामी विवेकानंद ने तत्काल मुस्कुराते हुए उत्तर दिया—सचमुच दुनिया भर के धर्मों की नींव बहुत मजबूत है।
प्रस्तुति : योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’