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सृजन की ख्याति

एकदा
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इंग्लैंड में एक बालक अपनी माताजी को किसी अनजान देश के अजीबोगरीब लोगों की बातें सुनाने लगा। उसकी मां प्रथम विश्वयुद्ध की विभीषिका से बुरी तरह प्रभावित थीं। परेशान मां ने उसके किस्सों को ठीक से नहीं सुना और आधे मन से उसकी झूठी तारीफ़ कर उसे टाल दिया। लेकिन वह भोला बच्चा अपनी मां पर पूरा विश्वास करता था। उसने अपनी कहानियों को लिखकर एक डायरी में संजोना शुरू कर दिया। वह रोज़ अनोखे बच्चों और उनके अनोखे कारनामों की कहानियां लिखता रहा। कई वर्षों बाद उसने वह डायरी अपने एक प्रकाशक मित्र को दिखाई। मित्र को कहानियां पसंद आईं और उन्होंने उन्हें प्रकाशित कर दिया। यह वह समय था जब दुनिया में द्वितीय विश्वयुद्ध का माहौल था— चारों ओर डर, तनाव और विनाश का दौर। लेकिन इसी बीच उसकी कलम लगातार चलती रही। वह बच्चा आगे चलकर बना— रोल्ड डाहल। बीसवीं सदी के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में शामिल रोल्ड डाहल ने बच्चों के लिए अद्भुत कहानियां और उपन्यास लिखे। उनकी रचनाएं इतनी लोकप्रिय हुईं कि वे जल्द ही दुनिया भर की बेस्टसेलर सूचियों में शामिल हो गए। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उन्होंने पूर्णकालिक लेखन को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। उनके निधन के कुछ वर्षों बाद, सन 2005 में, इंग्लैंड के मिस्डन शहर में उनके नाम पर एक विशाल संग्रहालय स्थापित किया गया।

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