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बुद्ध का बोध

एकदा
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एक बार भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ वन भ्रमण पर थे। उस घने निर्जन वन में उन्होंने एक स्त्री को विलाप करते हुए देखा। पूछने पर पता चला कि उसका बच्चा एक बाघ का शिकार हो गया था। बुद्ध ने उससे पूछा, ‘तुम इस निर्जन वन में क्यों रहती हो? यहां तो खतरा ही खतरा है।’ स्त्री ने उत्तर दिया, ‘भंते! मैं एक ऐसे राज्य में रहती थी, जहां का राजा अत्यंत अत्याचारी था। वहां के लोगों पर करों का बोझ, अन्याय और हिंसा इतनी थी कि जंगल का खतरा भी उसके शासन से बेहतर लगा। यहां बाघ ने मेरे बच्चे को मार डाला, पर वहां तो राजा ने हजारों बच्चों के भविष्य को ही नष्ट कर दिया।’ इस पर बुद्ध ने अपने शिष्यों से कहा, ‘यह सच है। क्रूर शासक का शासन जंगली जानवरों से भी अधिक भयावह होता है।’

प्रस्तुति : डॉ. मधुसूदन शर्मा

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