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Devuthani Ekadashi 2025: देवउठनी एकादशी आज, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

Devuthani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को समर्पित देवउठनी एकादशी आज है। यह तिथि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इसे देवोत्थान एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष...
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Devuthani Ekadashi 2025: भगवान विष्णु को समर्पित देवउठनी एकादशी आज है। यह तिथि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इसे देवोत्थान एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा (चातुर्मास) के बाद इस दिन जागते हैं। भगवान के जागरण के साथ ही शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो भक्त भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान से पूजा करता है, उसके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, तथा रुके हुए कार्य सिद्ध होते हैं।

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पूजा विधि

शास्त्री के मुताबिक देवउठनी एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें। पूजा स्थल को स्वच्छ करके गंगाजल का छिड़काव करें। चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। धूप, दीप, फूल और नैवेद्य अर्पित कर भगवान की आरती करें। पूरे दिन व्रत रखकर सायंकाल दीपदान करें — इसे अत्यंत शुभ माना गया है।

देवउठनी एकादशी केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि यह नई शुरुआत और शुभता का प्रतीक भी है। माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सच्चे मन से उपासना करता है, उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है, और उसके जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।

Panchang 1 November 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 10

शक संवत् 1947

विक्रम संवत् 2082

मास कार्तिक

पक्ष शुक्ल पक्ष

तिथि दशमी, प्रातः 09:12 तक उपरांत एकादशी प्रारंभ

वार शनिवार

सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 15

अंग्रेजी तिथि 01 नवम्बर 2025 ई.

सूर्य स्थिति दक्षिणायण, दक्षिण गोल

ऋतु हेमन्त ऋतु

राहुकाल प्रातः 09:00 बजे से 10:30 बजे तक

नक्षत्र शतभिषा सायं 06:20 तक, उपरांत पूर्वाभाद्रपद प्रारंभ

योग ध्रुव योग अर्धरात्रोत्तर 02:09 तक, उपरांत व्याघात योग

करण गर करण प्रातः 09:12 तक, उपरांत विष्टि करण

विजय मुहूर्त दोपहर 01:55 से 02:39 तक

निशीथ काल रात 11:39 से 12:31 तक

गोधूलि बेला शाम 05:36 से 06:02 तक

चन्द्र स्थिति कुंभ राशि

विशेष पर्व देव प्रबोधिनी (देवउठनी) एकादशी

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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