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Diwali 2025: दिवाली आज, जानें कब होगी अमावस्या तिथि शुरू, कब है लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

Diwali 2025:
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Diwali 2025: दीपावली, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है, जो हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि आज 20 अक्तूबर को शाम 03 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्तूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। चूंकि अमावस्या की रात्रि 20 अक्तूबर को है, इसलिए विद्वानों का मत है कि इसी दिन लक्ष्मी पूजन करना शुभ होगा।

Diwali 2025:  पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक दीपावली पर लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात, प्रदोष और निशीथ काल में करने का विधान है। इस दिन प्रदोष काल और निशीथ काल विशेष रूप से फलदायी रहते हैं। प्रदोष काल में गृहस्थ लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, जबकि निशीथ काल तांत्रिक साधना के लिए शुभ माना जाता है। इस बार दिवाली पर वृषभ काल में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त सायं 07:08 से रात्रि 09 :03 तक है। तांत्रिक साधना के लिए निशीथ काल रात्रि 11:41 बजे से 12:31 बजे तक रहेगा।

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Diwali 2025:  लक्ष्मी पूजन का महत्व

Diwali 2025:  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक अमावस्या तिथि को देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसी कारण से दिवाली के दिन उनकी पूजा-आराधना की जाती है। कहा जाता है कि इस रात्रि मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और स्वच्छ, रोशन तथा भक्तिभाव से भरे घरों में प्रवेश करती हैं। जिन घरों में दीपक, भक्ति, स्वच्छता और मंत्रजाप का वातावरण होता है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है।

Diwali 2025:  लक्ष्मी पूजन विधि

Diwali 2025:  दिवाली की सुबह घर की पूरी साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और शुभ-लाभ, स्वास्तिक के चिह्न अंकित करें। शाम के समय पूजा स्थल पर चौकी बिछाकर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, माता सरस्वती व कुबेर देव की प्रतिमाएं स्थापित करें। कलश स्थापना कर सभी पूजन सामग्री एकत्र करें। शुभ मुहूर्त में विधिवत पूजा आरंभ करें। पहले भगवान गणेश, फिर माता लक्ष्मी और अंत में कुबेर व सरस्वती की आराधना करें। पूजा के बाद तिजोरी, बहीखाते और पुस्तकों की पूजा कर आरती करें। घर के प्रत्येक कोने में दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

Panchang 20 October 2025: राष्ट्रीय मिति आश्विन 28

शक संवत् 1947

माह कार्तिक

पक्ष कृष्ण पक्ष

तिथि चतुर्दशी (अपराह्न 03:43 बजे तक), उपरांत अमावस्या

वार सोमवार

विक्रम संवत् 2082

सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 04

अंग्रेजी तिथि 20 अक्टूबर 2025 ई.

सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल

ऋतु शरद ऋतु

राहुकाल प्रातः 07:30 बजे से 09:00 बजे तक

नक्षत्र हस्त (रात्रि 08:17 बजे तक), उपरांत चित्रा

योग वैधृति (रात 02:35 बजे तक), उपरांत विष्कुंभ

करण शकुनि (अपराह्न 03:45 बजे तक), उपरांत नाग

विजय मुहूर्त दोपहर 01:59 बजे से 02:45 बजे तक

निशीथ काल रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक

गोधूलि बेला शाम 05:46 बजे से 06:12 बजे तक

चन्द्र स्थिति कन्या राशि पर संचार

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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