Diwali 2025 : दीपोत्सव के लिए तैयार अयोध्या, होटल और राम मंदिर दर्शन के ‘स्लॉट' लगभग पूरी तरह बुक
Diwali 2025 : अयोध्या में आगामी दीपोत्सव को लेकर भक्तों का उत्साह चरम पर है। अधिकारियों और होटल मालिकों ने बताया कि राम मंदिर में दर्शन के लिए ऑनलाइन ‘स्लॉट' 29 अक्टूबर तक लगभग पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। पिछले 8 वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव विश्व प्रसिद्ध आयोजन बन चुका है। सरयू नदी के किनारे और प्रमुख मंदिरों में लाखों दीप जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए गए हैं।
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार कि इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में ऑनलाइन बुकिंग हुई हैं। बुकिंग खुलने के कुछ ही घंटों में हजारों पास बुक हो गए। ऑनलाइन पास की अगली बुकिंग 29 अक्टूबर की आधी रात को फिर से शुरू होगी। ट्रस्ट ने बताया कि रामलला और राजा राम दरबार के दर्शन को आसान और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिदिन करीब 300 ऑनलाइन और 3,000 ऑफलाइन वीआईपी पास जारी किए जा रहे हैं। इनमें सुबह-शाम की आरती के स्लॉट शामिल होते हैं।
वीआईपी दर्शन की बढ़ती मांग के कारण ट्रस्ट कार्यालय व हेल्पलाइन पर कॉल करने व पूछताछ करने वालों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। आतिथ्य क्षेत्र में भी जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। अयोध्या के अधिकांश होटल दीपोत्सव सप्ताह के लिए पूरी तरह से बुक हो चुके हैं। विशेष रूप से 18 और 19 अक्टूबर की बुकिंग पूरी तरह से भर गई है। एक स्थानीय होटल मालिक विशाल गंजूर ने बताया कि लोग रोजाना बुकिंग के लिए हमसे पूछताछ कर रहे हैं, लेकिन इस महीने के अंत तक हमारे सभी कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं।
भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की स्मृति में मनाया जाने वाला दीपोत्सव हर वर्ष अयोध्या का प्रमुख पर्व होता है। इस बार देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। दिवाली, अयोध्या के लिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि रामायण के अनुसार यही वह दिन था जब भगवान राम, देवी सीता और लक्ष्मण वनवास समाप्त कर अयोध्या लौटे थे।
यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है। हर वर्ष की तरह, इस बार भी अयोध्या शहर को अनगिनत मिट्टी के दीयों से रोशन किया जाएगा, जो भगवान राम के स्वागत की पौराणिक कथा को जीवंत करता है। इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी और दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। पूरा शहर भव्य लाइटिंग, विषय आधारित सजावट और रामायण के दृश्यों पर आधारित सांस्कृतिक झांकियों से सजाया जा रहा है।