एक बार जब महात्मा गांधी पंडित जवाहर लाल नेहरू के यहां अतिथि बन कर गए तो उन्होंने वहां पहुंचकर नहाने की इच्छा व्यक्त की। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनके नहाने के लिए दो बाल्टियों का इंतजाम कर दिया, लेकिन गांधी जी तो प्रकृति प्रेमी और पर्यावरण संरक्षक थे, इसलिए उन्होंने एक ही बाल्टी पानी की नहाने के लिए रखी और दूसरी वापस कर दी। महात्मा गांधी द्वारा एक बाल्टी वापस करने पर पंडित नेहरू ने कहा कि आपने ऐसा क्यों किया? हमारे यहां दो बड़ी नदियां गंगा, यमुना है, यहां पानी की कोई कमी नहीं है। गांधी जी ने इसके जवाब में कहा कि किसी भी चीज का अधिक प्रयोग कर हम दूसरे किसी जरूरतमंद को उस चीज से वंचित कर देते हैं। ऐसे कार्य मेरे अनुसार हिंसा की श्रेणी में आते हैं। गांधी के अनुसार, यदि हमें इस पृथ्वी को बचाकर रखना है तो प्राकृतिक संसाधनों का अनुशासित तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए। गांधी जी की यह सीख मौजूदा दौर में भी उतनी ही प्रासंगिक है।
-राजेश कुमार चौहान