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Dadi-Nani Ki Baatein : मानसून में तुलसी को मत छूना... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?

माना जाता है कि तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। जहां तुलसी होती है, वहां लक्ष्मी और विष्णु का वास होता है
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Dadi-Nani Ki Baatein : हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी को ‘वृंदा देवी’ का रूप मानकर पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि घर में तुलसी का पौधा लगाने से सुख-समृद्धि व बरकत आती है। हालांकि घर में तुलसी रखते समय बहुत से नियमों का पालन भी करना चाहिए जैसे रविवार के दिन तुलसी को जल नहीं चढ़ाया जाता आदि। वहीं, आपने अक्सर दादी-नानी को यह कहते हुए भी सुना होगा कि बरसात में तुलसी को नहीं छूना चाहिए, यह अशुभ होता है। चलिए आपको बताते हैं कि मानसून में तुलसी को छूने की मनाही क्यों होती है....

भगवान विष्णु को अति प्रति तुलसी

'श्रीमद्भागवत', 'गरुड़ पुराण', 'पद्म पुराण' जैसे शास्त्रों में तुलसी के गुणों और उसकी पूजा के महत्व का विस्तार से वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। जहां तुलसी होती है, वहां लक्ष्मी और विष्णु का वास होता है।

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बरसात में छूना वर्जित क्यों?

कुछ पुराणों में उल्लेख मिलता है कि श्रावण मास में तुलसी को विश्राम देने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस समय तुलसी माता निद्रावस्था (व्रज यात्रा) में होती हैं और उन्हें बिना कारण स्पर्श करना उनका अनादर माना जाता है।

भगवान को अर्पित ना करें गीली तुलसी

वहीं, कुछ मान्यताओं के अनुसार, मानसून में जब तुलसी के पत्ते गीले रहते हैं, तब उनका उपयोग पूजा में नहीं किया जाना चाहिए। गीली तुलसी को भगवान को अर्पित करना अशुद्ध माना जाता है।

क्या कहता है विज्ञान?

वैज्ञानिकों के अनुसार, बरसात के मौसम में वातावरण अत्यधिक नम होता है। इस समय तुलसी के पत्तों पर जल, धूल और कीटाणुओं की अधिकता हो सकती है। ऐसे में गीली तुलसी को छूने से उसमें फफूंदी या बैक्टीरिया संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है, जिससे पौधा कमजोर या खराब हो सकता है इसलिए इसे इस दौरान छूने की मनाही होती है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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