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Chhath Puja Vidhi: आज छठ पूजा का दूसरा दिन, जानें पूजा विधि के बारे में

Chhath Puja Vidhi: आज छठ पूजा का दूसरा दिन है, जिसे खरना पूजन कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के बाद छठी मैया को प्रसाद चढ़ाकर उपवास तोड़ते हैं। प्रसाद में आमतौर...
बिहार के पटना में चार दिवसीय 'छठ पूजा' समारोह के दौरान एक महिला सिंदूर लगाती हुई। पीटीआई फोटो
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Chhath Puja Vidhi: आज छठ पूजा का दूसरा दिन है, जिसे खरना पूजन कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और सूर्यास्त के बाद छठी मैया को प्रसाद चढ़ाकर उपवास तोड़ते हैं। प्रसाद में आमतौर पर गुड़-चावल की खीर, रोटी और फल शामिल होते हैं, जिन्हें परिवार और मित्रों में बांटा जाता है।

पंडित अनिल शास्त्री का कहना है कि छठ पूजा में पांच प्रमुख फलों का विशेष महत्व है — डाभ (कच्चा नारियल), नींबू, अनानास, केला, गन्ना और सिंघाड़ा। इन फलों को पवित्रता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में पूजा में शामिल किया जाता है।

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पूजन के दौरान सूप का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। यह बांस से बना होता है और सूर्य पूजा का अनिवार्य हिस्सा माना गया है। सूप में फल, ठेकुआ और अन्य प्रसाद रखकर श्रद्धा से सूर्य भगवान को अर्पित किया जाता है। यह सूप भक्ति, समर्पण और परंपरा का प्रतीक है।

छठ पूजा में सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया (ऊषा देवी) की उपासना की जाती है। सूर्य देव जीवन, ऊर्जा और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं, जबकि छठी मैया संतान, समृद्धि और कल्याण की देवी मानी जाती हैं। खरना के दिन व्रती घर की सफाई, स्नान, नए वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक पूजा कर माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Panchang 26 October 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 04

शक संवत् 1947

विक्रम संवत् 2082

मास कार्तिक (शुक्ल पक्ष)

तिथि पंचमी (अर्धरात्रोत्तर 05:50 तक), उपरांत षष्ठी आरंभ

वार रविवार

अंग्रेजी तारीख 26 अक्टूबर 2025 ई.

सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 09

सूर्य स्थिति दक्षिणायण, दक्षिण गोल

ऋतु हेमन्त ऋतु

नक्षत्र ज्येष्ठा (प्रातः 10:46 तक), उपरांत मूल नक्षत्र

योग शोभन (प्रातः 06:45 तक), उपरांत अतिगण्ड योग

करण बव (सायं 04:50 तक), उपरांत कौलव करण

राहुकाल सायं 04:30 से 06:00 तक

विजय मुहूर्त दोपहर 1:57 से 2:42 तक

निशिथ काल रात्रि 11:40 से 12:31 तक

गोधूलि बेला सायं 5:41 से 6:06 तक

चन्द्र राशि वृश्चिक (पूर्वाह्न 11:00 तक), उपरांत धनु राशि

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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