Chhath Puja: आज अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना करेंगे छठ व्रती, जानें कब है अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
Chhath Puja: आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज लोक आस्था का प्रतीक छठ (सूर्य उपासना) का महान पर्व है। यह चार दिनों तक चलने वाला व्रत अत्यंत कठिन और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जिसमें व्रती शुद्ध आहार ग्रहण करते हैं। दूसरे दिन खरना के अवसर पर व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ होता है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार छठ पूजा (Chhath Puja) के तीसरे दिन, यानी आज (27 अक्टूबर 2025) को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। संध्याकालीन अर्घ्य का समय शाम 5:10 बजे से 5:58 बजे तक रहेगा। चौथे दिन, 28 अक्टूबर (मंगलवार) को प्रातःकालीन अर्घ्य का समय सुबह 5:33 बजे से 6:30 बजे तक रहेगा। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण किया जाएगा।
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छठ पूजा (Chhath Puja) का पर्व भगवान सूर्य और माता छठी को समर्पित है। सूर्य देव को पंचदेवों में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, जिन्हें आरोग्य, सौभाग्य और ऊर्जा का देवता माना गया है। छठ पूजा में डूबते और उगते सूर्य दोनों को अर्घ्य देने की परंपरा है, जो जीवन में संतुलन और ऊर्जा का प्रतीक है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।
छठ पूजा (Chhath Puja) न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि यह आत्मसंयम, तप और पर्यावरण से जुड़ाव का भी प्रतीक है। व्रती स्नान, व्रत और उपासना के माध्यम से सूर्य देव से संतान की सुख-समृद्धि, आरोग्य और जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं। इस प्रकार छठ महापर्व शुद्धता, आस्था और जीवन में प्रकाश का संदेश देने वाला पर्व है।
Panchang 27 October 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 05
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास कार्तिक (सौर: कार्तिक मास प्रविष्टे 10)
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथि षष्ठी (अगले दिन सूर्योदय तक)
वार सोमवार
अंग्रेजी तारीख 27 अक्टूबर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायण, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
नक्षत्र मूल नक्षत्र मध्याह्न 01:27 बजे तक, उपरांत पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
योग अतिगण्ड योग प्रातः 07:26 बजे तक, उपरांत सुकर्मा योग
करण कौलव करण सायं 07:06 बजे तक, उपरांत तैतिल करण
राहुकाल प्रातः 07:30 से 09:00 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 01:56 से 02:41 बजे तक
निशिथ काल रात्रि 11:39 से 12:31 बजे तक
गोधूलि बेला सायं 05:40 से 06:06 बजे तक
चन्द्र स्थिति चन्द्रमा धनुः राशि में
विशेष व्रत / पर्व सूर्य षष्ठी व्रत
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।
