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Chardham Yatra : आस्था का महाकुंभ... चारधाम यात्रा ने रचा 50 लाख श्रद्धालुओं का इतिहास

कोविड महामारी से पहले 2019 में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में कुल 34.80 लाख श्रद्धालुओं की आमद दर्ज
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Chardham Yatra : इस साल मानसून में आपदाओं के कहर से बार-बार प्रभावित होने के बावजूद उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 50 लाख के पार चली गई। उत्तराखंड पर्यटन विभाग से मिले ताजा आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार शाम 7 बजे तक उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में चार धामों- गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में कुल मिलाकर 50,12,970 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके थे।

पिछले साल पूरे यात्रा सीजन में 48,04,215 लाख से अधिक श्रद्धालु चार धामों और हेमकुंड साहिब के दर्शन के लिए आए थे। हांलांकि, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ धामों और हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो चुके हैं। हालांकि बदरीनाथ के कपाट 25 नवंबर को बंद होने हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि चारधाम यात्रा के समापन तक यह आंकड़ा 52 लाख तक पहुंच सकता है।

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पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने कहा,‘‘बदरीनाथ की यात्रा अभी 28 दिन और चलनी है। हर दिन यहां आ रहे औसतन पांच से छह हजार श्रद्धालुओं को देखते हुए यह आंकड़ा 52 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। कोविड महामारी से पहले 2019 में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में कुल 34.80 लाख श्रद्धालुओं की आमद दर्ज की गई थी जो कोविड के दौरान लगे प्रतिबंधों के चलते 2020 में 2.39 लाख तक सिमट गई।

अगले साल 2021 में भी अप्रैल से अगस्त तक पांच माह यात्रा ठप रही और केवल 5.48 लाख श्रद्धालु आए। वर्ष 2022 में चारधाम यात्रा में उछाल आया और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 46.27 लाख पहुंच गई। 2023 में यह आंकड़ा रिकॉर्ड 56.18 लाख पर पहुंच गया। अगर इस बार इतनी आपदाएं नहीं आतीं तो इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड स्थापित करती।

5 अगस्त को आई धराली आपदा के बाद इस पर्वतीय प्रदेश में कई जगह खास तौर से गढ़वाल क्षेत्र में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन ने जमकर विनाशलीला मचाई । अगस्त-सितंबर में 40 दिनों के अंतराल में धराली, स्यानाचट्टी, थराली समेत कई जगहों पर आपदा के कारण चारधाम यात्रा लगभग पटरी से उतरी ही रही। सितंबर के पहले सप्ताह में खराब मौसम की चेतावनी के कारण यात्रा चार दिनों तक स्थगित रखी गई।

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