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आत्मविश्वास की मिसाल

एकदा
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डॉ. बीरबल साहनी एक सुप्रसिद्ध शिक्षक और वैज्ञानिक थे। वे बड़े देशभक्त थे, बड़ी सादगी से रहते थे। वे प्रायः सफेद खद्दर की अचकन, चूड़ीदार पायजामा तथा गांधी टोपी धारण करते थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर के सेंट्रल मॉडल स्कूल में हुई। उन्होंने बी.एससी. की पढ़ाई कैंब्रिज के इमैनुअल कॉलेज से की। एक बार बी.एससी. की परीक्षा के प्रश्नपत्रों में से एक परचे में गलती से उससे पहले साल के सारे प्रश्न दुबारा पूछ लिए गए थे। बीरबल ने यह बात एक कक्ष-निरीक्षक को बतलाई। जब निरीक्षक ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो वे उसी क्षण बिना परीक्षा दिए परीक्षा कक्ष से बाहर निकल आए। बाद में विश्वविद्यालय की सीनेट ने उनकी बात को सही पाया तथा उस परचे का इम्तिहान फिर से लिया गया। उन्हें खुद पर इतना भरोसा था।

प्रस्तुति : अक्षिता तिवारी

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