Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी व्रत आज, जानें इस व्रत में क्या करें और क्या नहीं
Ahoi Ashtami 2025: आज अहोई अष्टमी है। हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत संतानवती महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। आज के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखकर संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन की कामना करती हैं। देवी अहोई को माता पार्वती का अवतार माना जाता है, जो संतान की रक्षक हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक व्रत सूर्योदय से लेकर तारों के दर्शन तक रखा जाता है। शाम को लगभग 6:38 बजे तारे दिखने पर महिलाएं पूजा कर व्रत का पारण करेंगी। कुछ स्थानों पर चंद्र दर्शन के बाद भी व्रत खोला जाता है। पूजा विधि के अनुसार, दीवार पर अहोई माता, सात पुत्रों और साही का चित्र बनाकर जल का कलश रखा जाता है। महिलाएं तारों की छांव में दीप जलाकर कथा सुनती हैं और माता को अर्घ्य अर्पित करती हैं। इसके बाद संतान को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद देती हैं।
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इस दिन कुछ नियमों का पालन आवश्यक है जैसे सुई, कैंची जैसी धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें, झगड़ा या कटु वचन न बोलें, और जीव-जंतुओं को नुकसान न पहुँचाएं। भोजन पकाने से भी व्रतधारियों को बचना चाहिए।
Panchang 13 October 2025:
राष्ट्रीय तिथि आश्विन 21, शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
हिंदू मास कार्तिक (कृष्ण पक्ष)
तिथि सप्तमी (12:25 PM तक), उपरांत अष्टमी
वार सोमवार
सौर मास आश्विन मास प्रविष्टे 28
अंग्रेजी तारीख 13 अक्टूबर 2025
सूर्य स्थिति दक्षिणायण, दक्षिण गोल, शरद ऋतु
राहुकाल प्रातः 07:30 से 09:00 तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:03 से 02:49 तक
निशीथ काल रात 11:43 से 12:32 तक
गोधूलि बेला शाम 05:54 से 06:19 तक
अमृत सिद्धि योग प्रातः 06:20 से 07:47 तक नक्षत्र आद्र्रा (12:27 PM तक), उपरांत पुनर्वसु नक्षत्र
योग परिधि योग (08:14 AM तक), उपरांत शिव योग
करण बव करण (12:25 PM तक), उपरांत कौलव करण
चंद्र राशि मिथुन
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।