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सोनीपत शुगर मिल फिर ठप

सोनीपत, 5 दिसंबर (हप्र) सोनीपत शुगर मिल में बृहस्पतिवार को एक बार फिर ब्रेक डाउन हो गया। बताते हैं कि बॉयलर तक खोई पहुंचाने वाली चेन में तकनीकी खराबी आने से मिल कई घंटे बंद रही। हालांकि, दोपहर बाद तकनीकी खराबी को दूर कर पिराई का काम फिर से चालू कर दिया गया। इसके बाद […]
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सोनीपत, 5 दिसंबर (हप्र)

सोनीपत में शुगर मिल में आई तकनीकी खराबी के बाद एकत्रित किसान विरोध दर्ज कराते हुए। – हप्र

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सोनीपत शुगर मिल में बृहस्पतिवार को एक बार फिर ब्रेक डाउन हो गया। बताते हैं कि बॉयलर तक खोई पहुंचाने वाली चेन में तकनीकी खराबी आने से मिल कई घंटे बंद रही। हालांकि, दोपहर बाद तकनीकी खराबी को दूर कर पिराई का काम फिर से चालू कर दिया गया। इसके बाद ही किसानों को राहत मिल पाई।
दरअसल, पिछले कई दिनों से शुगर मिल में पिराई सत्र अच्छे ठंग से चल रहा था। हर रोज 18 हजार क्विंटल से लेकर 20 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई हो रही थी, परन्तु बृहस्पतिवार को बॉयलर तक खोई पहुंचाने वाली चेन में दिक्कत आ गई। जिसकी वजह से बॉयलर तक खोई नही पहुंच पाई और प्रेसर डाउन हो गया। इसके बाद पिराई का काम रुक गया। तकनीकी खराबी को दूर करने में मिल प्रशासन को कई घंटे लग गए। इस दौरान किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी।
सोनीपत शुगर मिल में तकनीकी खराब आने से पहले पिराई ठीक ढंग से हो रही थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण बुधवार को जहां करीब 6200 क्विंटल गन्ने की ही पिराई हो पाई थी। बृहस्पतिवार को दोपहर के डेढ़ बजे तक करीब 700 क्विंटल गन्ने की ही पिराई हो पाई। हालांकि, बाद में पिराई की रफ्तार बढ़ गई। अब तक एक लाख 40 हजार क्विंटल से अधिक गन्ने की पिराई हो चुकी है। सोनीपत शुगर मिल की पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल प्रतिदिन है।
मिल में ब्रेक डाउन से गन्ना उत्पादक किसानों ने मिल प्रशासन के खिलाफ रोष प्रकट किया। किसानों का कहना है कि बार-बार शुगर मिल में फाल्ट आने से किसानों को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। इस बारे में एमडी शुगर मिल अश्वनी कुमार ने कहा कि तकनीकी खामियों को दूर करके मिल को फिर चालू कर दिया गया है।

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