खरखौदा के 28 गांवों ने खोला मोर्चा, सोनीपत में चाहते हैं रहना
सोनीपत में मंगलवार को एसडीएम विजय सिंह को ज्ञापन सौंपते भाजपा नेता अनिल झरौठी व सरपंच। -हप्र
सोनीपत, 31 दिसंबर (हप्र)
गोहाना को जिला बनाने के लिए प्रशासन के ड्राफ्ट से पहले ही खरखौदा के नागरिकों ने अपना विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है। पहले एसडीएम खरखौदा और अब डीसी के दरवाजे पर यहां के सरपंचों तथा सत्तारूढ भाजपा के स्थानीय नेताओं ने दस्तक दी। सीएम के नाम एसडीएम सोनीपत को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि वह अपने इलाके को सोनीपत से ही संबंध रखना चाहते हैं। इसमें किसी तरह की मनमानी नहीं होनी चाहिए।
मंगलवार को यहां खरखौदा मार्केट कमेटी के चेयरमैन अनिल झरोठी, खरखौदा से भाजपा नेता गुलशन ठेकेदार की अगुवाई में दर्जनभर गांव से सरंपच, नगर पार्षद डीसी से मिलने के लिए पहुंचे। इन्होंने सीएम के नाम डीसी की गैर मौजूदगी में एसडीएम सोनीपत को ज्ञापन दिया है। इसमें कहा गया है कि खरखौदा को अगर सोनीपत जिले से अलग करके गोहाना में जोड़ा गया, तो खरखौदा ब्लाक के 54 गांवों के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
18 किलोमीटर का सफर तय करना होगा खरखौदा क्षेत्र दिल्ली तथा सोनीपत से जुड़ा हुआ है। सोनीपत की सीमा मात्र तीन किलोमीटर से शुरू हो जाती है। जबकि गोहाना खरखौदा के गांवों से 18 किलोमीटर से शुरू होगा। इसी तरह से 58 किलोमीटर का दायरा बनेगा। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि खरखौदा आईएमटी, केएमपी, समेत कई हाइवे यहां से गुजरते हैं। जिनका जुडाव सोनीपत और दिल्ली से खरखौदा के जरिये होता है। ऐसे में खरखौदा भविष्य में जिला बन सकता है।
जनभावनाओं की अनदेखी न हो
भाजपा नेताओं ने कहा कि वह पंचायती तौर पर इस निर्णय को लेकर सरकार के पास पहुंचे हैं। इसमें किसी तरह की जनभावनाओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। चूंकि खरखौदा हलका सोनीपत जिले से गहरा संबंध रखता है और उसका पहले दिन से जुडाव यहीं से रहा है। ऐसे में उसे यहां से बदल कर गोहाना से जोड़ा जाता है, तो यह उचित नहीं होगा।