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किसानों ने बेगना नदी में शुरू किया जल सत्याग्रह

नारायणगढ़, 22 अगस्त (निस) भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट तथा किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने नारायणगढ़ शुगर मिल द्वारा किसानों की गन्ने की फसल की बकाया राशि का भुगतान न किये जाने के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन किया। इसमें प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों को सम्बोधित किया और शुगर मिल प्रशासन […]
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नारायणगढ़, 22 अगस्त (निस)

नारायणगढ़ शुगर मिल से बकाया पेमेंट की मांग को लेकर बेगना नदी में जल सत्याग्रह करते किसान। -निस

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भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट तथा किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने नारायणगढ़ शुगर मिल द्वारा किसानों की गन्ने की फसल की बकाया राशि का भुगतान न किये जाने के विरोध में किसान महापंचायत का आयोजन किया। इसमें प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों को सम्बोधित किया और शुगर मिल प्रशासन को बातचीत के लिए किसान महापंचायत में आने का समय दिया लेकिन शुगर मिल प्रशासन व मौके पर पहुंचे अन्य अधिकारियों द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं दिए जाने से नाराज किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन करते हुए किसान गांव बड़ा गढ़ के निकट से होकर बह रही बेगना नदी में पहुंचे और बेगना नदी के पानी में बैठ कर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। किसानों ने बताया कि 2 जनवरी से लेकर आज तक प्रशासन द्वारा केवल बैठकें ही की गई हैं। किसानों का उनके गन्ने की बकाया पेमेंट नहीं मिली। सुबह से ही शुगर मिल के सामने किसानों की भारी भीड़ जमा होते देख प्रशासन द्वारा भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। मौके पर पहुंचे डीएसपी अमित भाटिया व एसडीएम मीनाक्षी दहिया ने किसानों को समझाने की कोशिश की। प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एसडीएम मीनाक्षी दहिया से समस्या का ठोस हल निकालने की बात कही तो उन्होंने मुख्यमंत्री के व्यस्त होने के कारण 8 सितम्बर तक कोई हल नहीं होने की बात कही जिस पर किसानों ने पहले जेल भरो आंदोलन किये जाने की बात कही लेकिन फिर विचार विमर्श कर अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किए जाने पर सहमति जताई। प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि लगभग 100 करोड़ रुपये की पिछले पिराई सत्र की पेमेंट बकाया है और आने वाले सीजन के लिए लगभग 300 करोड़ रुपए का गन्ना क्षेत्र के खेतों में खड़ा है जिसकी किसानों को चिंता हो रही है।
एसडीएम ने मौके पर किसानों से की बात
एसडीएम मीनाक्षी दहिया बेगना नदी में जल सत्याग्रह कर रहे किसानों से तीसरे दौर की बातचीत के लिए बेगना नदी के किनारे पहुंची व भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी से बातचीत की, लेकिन इस बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं मिलने पर मामला जस का तस रहा और भाकियू ने निर्णय लिया कि किसान रात को बेगना नदी के किनारे पर धरना देंगे व रात को नदीके किनारे पर ही ठहरेंगे और शुक्रवार सुबह 9 बजे फिर से जल सत्याग्रह के लिए नदी के जल में प्रवेश करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि एसडीएम नारायणगढ़ ने उनकी मंगलवार को प्रधान सचिव से बातचीत करवाने को कहा है जो पहले 1 सितम्बर के लिए कह रहे थे ,लेकिन किसान तब तक यहां से धरना व जल सत्याग्रह नही छोड़ेंगे जब तक उनकी बात सिरे नही चढ़ती। इस अवसर पर किसान संघर्ष समिति के प्रधान विनोद राणा खुड्डा, भाकियू के जिला प्रधान मलकीत सिंह, जिला परिषद के वाइस चेयरमैन रजनीश शर्मा, राम सिंह कोड़वा, नारायणगढ़ बार एसोसिएशन के प्रधान धर्मवीर ढींडसा, हरी ओम नगौली, राजीव शर्मा हसनपुर, पाला राम बड़ा गांव, रविन्द्र बरौली सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
गांव-गांव जाकर सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी भाकियू
शाहाबाद मारकंडा (निस) : भारतीय किसान यूनियन की एक बैठक गांव कलसानी में आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी इंद्र ने की। बैठक में जिला प्रधान गुरनाम सिंह ने बताया कि शाहाबाद क्षेत्र के गांवों में मारकंडा के पानी से बाढ़ आई हुई है और कई गांवों का बाढ़ के कारण संपर्क टूटा हुआ है। इस बाढ के कारण ग्रामीणों को नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि खड़ी फसलों पर बरसात और मारकंडेय के पानी के कारण कीचड़ जम गई है और फसल गल गई है। पशुओं का चारा नष्ट हो गया है तथा पशु भूखे प्यासे रहने को मजबूर हैं। ग्रामीण बाढ़ वाला गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को नुकसान का मुआवजा सरकार को सिंचाई विभाग द्वारा 25 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से देना चाहिए। भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी इंद्र ने मौके पर ही अनेक कमेटियों का गठन किया जो गांव-गांव जाकर किसानों से बात कर सर्वे रिपोर्ट तैयार करेंगी जिसके आधार पर 24 अगस्त को एसडीएम शाहाबाद को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

खराब हुई फसल की विशेष गिरदावरी कराने की मांग

जगाधरी क्षेत्र के भूखड़ी रकबे में दादुपुर-नलवी नहर के पानी से खराब हुई धान की फसल। -निस

जगाधरी (निस) : जगाधरी क्षेत्र के गांव भूखड़ी के किसानों ने नहर के पानी से खराब हुई धान की फसल की विशेष गिरदावरी कराये जाने की प्रशासन से मांग की है। किसानों ने फसल का मुआवजा प्रदान किए जाने की मांग की है। भूखड़ी गांव के किसान एडवोकेट संजीव कंबोज, मोहनलाल, रामकुमार, सुरेश कुमार, राजेंद्र आदि का कहना है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही से उनका नुकसान हुआ है। दादुपुर-नलवी नहर की पटड़ी इसकी सफाई न होने से टूटी है। किसान मोहनलाल आदि ने बताया कि धान की फसल में मिट्टी व समुंद्र शोख नामक घास चढ़ गई है। इससे फसल बर्बाद हो रही है। अभी तक नहर की टूटी पटड़ी की मरम्मत शुरू नहीं हुई है। वहीं नहर की टूटी पटड़ी बारे सिंचाई विभाग के एक्सईएन शेर सिंह का कहना है कि पानी सूखते ही इसकी मरम्मत करवा दी जाएगी।

सीएम ने लिया ज्ञापन, नहीं मिला कोई जवाब
इन्द्री (निस) : पिकाडली शूगर मिल भादसों की ओर से गन्ना उत्पादकों किसानों का सीजन 2018-19 का 35 करोड़ की पेमेंट बकाया पड़ी है, जिसके कारण चार हजार किसान आर्थिक तंगी का शिकार हैं। बकाया पेमेंट के तुरन्त भुगतान को लेकर गन्ना संघर्ष समिति के प्रधान रामपाल चहल सहित किसानों के दल ने मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा के इन्द्री पहुंचने पर अपनी मांग-पत्र सीएम मनोहर लाल को सौंपकर जल्द पेमेंट के भुगतान किए जाने की मांग की। उन्होंने बताया कि सीएम ने मांग पत्र स्वीकार कर लिया है, लेकिन वे कुछ बोलकर नहीं गए। उन्होंने कहा कि सीएम के जवाब का किसानों को इंतजार रहेगा। इस मौके पर तेजपाल बडसालू, मेहर सिंह, बलकार सिंह, जसविन्द्र, गुरपाल सिंह, ईलम सिंह व गुरनाम मलिक मौजूद रहे।

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