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संसद दूसरे दिन भी ठप

राजकुमार सिंह/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस नयी दिल्ली,  23 नवंबर। महंगाई और काले धन पर उत्तेजित और एकजुट विपक्ष ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। लगातार दूसरे दिन आज संसद के दोनों ही सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।  […]
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राजकुमार सिंह/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

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नयी दिल्ली,  23 नवंबर। महंगाई और काले धन पर उत्तेजित और एकजुट विपक्ष ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। लगातार दूसरे दिन आज संसद के दोनों ही सदनों की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।  विपक्ष महंगाई पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत बहस चाहता है, जिसके लिए सरकार तैयार नहीं। इस बीच तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने भी पृथक तेलंगाना की मांग  संसद में उठायी । संसद में यह गतिरोध बृहस्पतिवार को भी जारी रहने के संकेत हैं ।
आज सुबह जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा की बैठक शुरू हुई एकजुट विपक्ष ने महंगाई और काले धन पर हंगामा शुरू कर दिया। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री एवं लोकसभा में सदन के नेता प्रणव मुखर्जी ने लंच डिप्लोमेसी के ज़रिये वाम दलों के नेताओं को मनाने की कोशिश की थी।
एक बार तो वह अपने मकसद में कामयाब भी नजर आये, लेकिन आज सुबह फिर वाम दल उसी मांग पर लौट आये कि महंगाई पर नियम 184 के तहत चर्चा करायी, जाये जिसमें अंत में मत विभाजन का प्रावधान है, जबकि सरकार नियम 193 के तहत चर्चा चाहती है, जिसमें मत विभाजन का प्रावधान नहीं है।
उधर महंगाई और काले धन पर वाम दलों के साथ एकजुटता के अलावा मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में कथित संलिप्तता के चलते केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम का बहिष्कार कर रखा है। इसी के चलते मंगलवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन भी संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही नहीं चल पायी थी, वही आज भी हुआ।  दोनों ही सदनों की बैठक शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। नतीजतन लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती मीरा कुमार और राज्यसभा के सभापति डा. हामिद अंसारी को अपने-अपने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर देनी पड़ी। बारह बजे दोबारा बैठक शुरू होने पर भी जब विपक्षी सदस्यों के तेवर जस की तस रहे तो दोनों सदनों की कार्यवाही वृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
महंगाई और काले धन पर राजग और वाम दलों की इस मोर्चाबंदी के बीच ही तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्यों ने पृथक तेलंगाना राज्य गठन की मांग तथा सत्तारूढ़ संप्रग के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य समाप्त करने की मांग तख्तियों और नारों के ज़रिये उठायी।
संप्रग के एक और घटक दल द्रमुक के सदस्य भी किसी समाचार पत्र की खबर को ले कर आसन की ओर बढ़ते हुए देखे गये। द्रमुक संसदीय दल के नेता टीआर बालू उन्हें समझाते भी देखे गये कि वे आसन के समक्ष जाने के बजाय बाहर से ही विरोध जतायें।

निरन्तर बढ़ रही महंगाई के खिलाफ बुधवार को लखनऊ में एआईडीडब्ल्यूए के कार्यकर्ता रोष प्रदर्शन करते हुए। -प्रेट्र

केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम आज प्रश्रकाल में जवाब देने के लिए राज्यसभा में मौजूद थे, लेकिन विपक्ष के तेवरों के चलते एक भी प्रश्र नहीं पूछा जा सका। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जब चिदंबरम लोकसभा में प्रश्नकाल में पूछे गये प्रश्र का जवाब देने को खड़े हुए थे तो भाजपा ने उनके बहिष्कार के फैसले के अनुरूप विरोध करते हुए उन्हें बोलने नहीं दिया था और कार्यवाही स्थगित कर देनी पड़ी थी।

तृणमूल ने मूल्य वृद्धि पर सरकार के विरोध का संकेत दिया

नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा)। केंद्र में सत्तारूढ़ संप्रग सरकार के महत्वपूर्ण घटक दल तृणमूल कांग्रेस ने आज मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर सरकार का विरोध करने का संकेत दिया। उसने कहा कि वह जनता के साथ रहेगी। रेल मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘तृणमूल हमेशा जनता के साथ रहेगी। हम जिम्मेदार पार्टी हैं और तृणमूल ऐसा कुछ भी नहीं करेगी जो आम जनता के लिए समस्याएं खड़ी करेगा।’ त्रिवेदी से पूछा गया था कि अगर मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर मतदान होता है तो क्या तृणमूल सरकार का समर्थन करेगी। पार्टी ने इससे पहले संप्रग सरकार द्वारा पेट्रोल की कीमत में वृद्धि किए जाने का विरोध किया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे पर सहयोगी दल सरकार का समर्थन करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘हां, लेकिन संसद में सहयोगी दल अपनी राय भी व्यक्त करते हैं। हर व्यक्ति को लोकतंत्र के इस मंदिर में अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है।’

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