बेटे पर मुलायम की सख्त बिजली
साहिरा नईम/ट्रिन्यू
लखनऊ, 30 दिसंबर
सीएम अखिलेश व रामगोपाल यादव के पार्टी के निष्कासन की घोषणा करते मुलायम सिंह और शिवपाल यादव। -प्रेट्र
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में छिड़ी कलह के चलते ‘यादव कुनबा’ बिखर गया। सीट बंटवारे से शुरू हुआ विवाद शुक्रवार को चरम पर पहुंच गया और सपा मुखिया मुलायम सिंह ने अपने सीएम बेटे अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। इस कार्रवाई से पहले अखिलेश खुलकर अपने पिता के विरोध में उतर आये थे। सीएम के निष्कासन के बाद उनके समर्थकों ने मुलायम सिंह यादव के निवास के बाहर जमकर बवाल काटा।
मुलायम यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के निष्कासन के साथ ही ही ऐलान किया कि नये मुख्यमंत्री का ऐलान जल्द कर दिया जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों और दूसरे नेताओं को आगाह किया कि कोई भी रामगोपाल की ओर से बुलाये गये सम्मेलन में शामिल नहीं होगा। अगर कोई सम्मेलन में शिरकत करेगा तो उसे भी पार्टी से निकाल दिया जायेगा। उन्होंने अखिलेश व रामगोपाल पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि ये दोनों पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। वहीं, सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा - ‘नेताजी को पार्टी के संविधान की पूरी जानकारी नहीं है। अगर पार्टी अध्यक्ष ही असंवैधानिक काम करे तो सम्मेलन कौन बुलाएगा। सारे असंवैधानिक कार्य हो रहे थे, उन्हीं कामों को रोकने के लिए सम्मेलन बुलाया।’
ऐसे बिखराव के मुकाम तक पहुंची सपा
सपा के भीतर अरसे से चल रहा विवाद तब बढ़ गया जब मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को विधानसभा चुनावों के लिए 325 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची अखिलेश के कई करीबी मंत्रियों के टिकट काट दिये गये, वहीं कई ऐसे नाम शामिल किये गये थे जिन पर अखिलेश को ऐतराज था। साथ ही पार्टी की सूची में उन 9 पूर्व मंत्रियों को टिकट दिया गया था, जिन्हें अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। मुलायम के इस कदम से नाखुश अखिलेश ने बगावत कर दी और बृहस्पतिवार देर शाम उन्होंने 235 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी। इस सूची में मुलायम की ओर से जारी सूची से 32 नाम अलग थे। इसके बाद बृहस्पतिवार देर रात शिवपाल ने भी 68 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इससे सपा 2 धड़ों में बंट गयी। घमासान के बीच शुक्रवार को रामगोपाल ने 1 जनवरी को लखनऊ में पार्टी का आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद मुलायम ने पहले तो रामगोपाल व अखिलेश के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया और फिर कुछ ही घंटों बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोनों के पार्टी से निष्कासन का ऐलान कर दिया।
”रामगोपाल अखिलेश का भविष्य खराब कर रहे हैं लेकिन अखिलेश यह बात नहीं समझ पा रहे हैं। इतिहास में किसी ने खुद के रहते बेटे को सीएम नहीं बनाया, लेकिन मैंने अखिलेश को सीएम बनाया।
– मुलायम सिंह यादव, सपा मुखिया
” हम अपने काम के दम पर चुनाव लड़ेंगे। असली समाजवादी पार्टी उनकी है। पिताजी के आस-पास के लोगों ने उन्हें गुमराह किया है।
– अखिलेश यादव, यूपी के सीएम