बेंगलुरु में चलेगी कुंबले की कोचिंग या श्रीराम का ज्ञान!
नयी दिल्ली, 1 मार्च (एजेंसियां)
अनिल कुंबले श्रीधरन श्रीराम
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच 4 टेस्टों की सीरीज को पहले कप्तान विराट कोहली और स्टीवन स्मिथ के बीच जंग के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन पुणे टेस्ट के बाद यह जंग भारतीय कोच अनिल कुंबले और आस्ट्रेलियाई टीम के स्पिन सलाहकार श्रीधरन श्रीराम के बीच मुकाबले के रूप में बदल गयी है। क्योंकि जहां एक ओर कुंबले टीम इंडिया को कोच हैं, वहीं दूसरी ओर पुणे टेस्ट मैच में स्टीव कीफे की करिश्माई स्पिन और आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन का श्रेय श्रीराम को दिया जा रहा है।
पुणे की मेजबानी में पहली बार कराये गये टेस्ट मैच में स्पिन को मददगार पिच मिली थी। माना जा रहा था कि भारतीय गेंदबाज इस पिच का पूरा फायदा उठा ले जाएंगे, लेकिन लेफ्ट आर्म स्पिनर कीफे ने दोनों पारियों में 6-6 विकेट झटक कर भारतीय टीम को 333 रन की शर्मनाक हार झेलने के लिये मजबूर कर दिया। श्रीराम एक समय असम, महाराष्ट्र और गोवा जैसी छोटी टीमों के लिये रणजी मैच खेले थे। पुणे के मैच से पहले कीफे और श्रीराम का नाम किसी की जुबान पर नहीं था लेकिन पुणे टेस्ट के बाद अब हर कोई इन दोनों की चर्चा कर रहा है। कीफे ने अपनी गेंदबाजी का श्रेय श्रीराम को दिया है। कुंबले की प्रतिष्ठा काफी अरसे बाद दांव पर लगी है। पहला टेस्ट 3 दिन में हार जाने के बाद उन पर श्रीराम का तोड़ ढूंढने और भारत को सीरीज में वापस लाने का भार आ गया है। भारतीय टीम के पास कुंबले के रूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक गेंदबाज कोच के रूप में मौजूद हैं। रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के रूप में 2 शीर्ष गेंदबाज मौजूद हैं, लेकिन इन दिग्गजों का तालमेल भी भारत को पुणे में जीत नहीं दिला पाया।
करियर की शुरुआत लेफ्ट आर्म स्पिनर के रूप में करने वाले श्रीराम क्रिकेटर के तौर पर बहुत सफल नहीं रहे और उनका खिलाड़ी के रूप में करियर संघर्षपूर्ण रहा। लेकिन भारतीय पिचों को लेकर उनकी जानकारी आस्ट्रेलिया के लिये रामबाण साबित हो रही है। भारत के लिए 4 वर्षों में श्रीराम ने सिर्फ 8 वनडे खेले थे, जिसमें उन्होंने 81 रन बनाये 9 विकेट लिये थे। दूसरी ओर कुंबले को देखें तो कुंबले का प्रोफाइल 619 टेस्ट विकेटों और 337 एकदिवसीय विकेटों के कारण काफी बड़ा नजर आता है। लेकिन पुुणे की जंग में कुंबले श्रीराम से पिछड़ गये।
मैच में दूसरे दिन कीफे ने 7 ओवर डाले थे और 23 रन दिये थे जिसे देखकर नहीं लग रहा था कि वह कोई खतरा पैदा कर पाएंगे। लेकिन ब्रेक के बीच श्रीराम कीफे के पास गये तो कीफे ने उनसे कहा, ‘मैं शुरुआत में कुछ नर्वस महसूस कर रहा हूं तो मैंने उनसे पूछा कि इस विकेट पर क्या करना चाहते हो। कीफे का जवाब था मैं थोड़ा तेज गेेंद डालना चाहता हूं और मैंने उन्हें ऐसा ही करने की सलाह दी।’ श्रीराम की सलाह का ऐसा असर हुआ कि कीफे ने अपने अगले 21.1 ओवर में 12 विकेट लेकर भारत को स्पिन की उसी कब्र में धकेल दिया जो उसने कंगारुओं के लिये तैयार की थी। लेकिन कुंबले, अश्विन और जडेजा की तिकड़ी इसका फायदा नहीं उठा पाई यह सबसे बड़ा विषय है।
दूसरा टेस्ट 4 मार्च से बेंगलुरू मे शुरू होना है, जिससे यह तय हो जाएगा कि बार्डर-गावस्कर ट्राफी किस तरफ जाने वाली है। क्या भारत वापसी करेगा या आस्ट्रेलिया 2-0 की बढ़त बना लेगा। यह भी दिलचस्प हैै कि श्रीराम बार्डर-गावस्कर स्कॉलरशिप को पाने वाले पहले व्यक्ति हैं और वह आस्ट्रेलिया को इस ट्रॉफी को हासिल करने में पूरा योगदान दे रहे हैं। बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच के लिये कहा जा रहा है कि यह स्पोर्टिंग पिच है जो बल्ले और गेंद में बराबर का संतुलन रखेगी।