चंडीगढ़ दी कुड़ी ने रचा इतिहास
आदित्य शर्मा
चंडीगढ़, 6 जनवरी। चंडीगढ़ से मुम्बई का सफर तय कर चुकी सनमीत ने गूगल और होम ट्यूटन से वह मुकाम हासिल कर लिया है जो घरेलू नारी अपने सपने में भी कभी नहीं सोच सकती। केबीसी ने उन्हें वह पहचान दी, जिसकी उन्हें बरसों से तलाश थी। केबीसी के मंच से सुर्खिया बटोरने वाली सनमीत कौर साहनी पहली ऐसी भारतीय महिला बन चुकी हैं जिन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के मंच से पांच करोड़ रुपये हासिल किया है। दैनिक ट्रिब्यून के साथ हुई सनमीत कौर साहनी से विशेष वार्ता के प्रमुख अंश :
कौन बनेगा करोड़ पति के मंच तक आप कैसे पहुंची?
-मैं हमेशा से ही केबीसी की फैन रही। उसमें पूछे जाने वाले सवालों को ध्यान से सुनती। जहां तक संभव हुआ उन्हें नोट भी कर लेती थी। पति से चोरीछिपे मैंने एक रोज केबीसी में जाने की ठानी। देर रात से खुली रहने वाली केबीसी की लाइन में जब संपर्क किया तो नंबर मिल गया। मुझसे सवाल पूछा गया और मैंने उत्तर दे दिया। केबीसी के हर संस्करण के दौरान मैंने चार से पांच बार फोन किया लेकिन मुझे कार्यक्रम में शामिल होने का मौका नहीं मिला। इस बार किस्मत मेरे साथ थी और एक ही फोन करने पर मेरा चयन हो गया। मैंने लिखित परीक्षा दी, हॉट सीट पर बैठी और आखिरकार पांच करोड़ रुपये जीत लिए।
बुद्धिमत्ता में इस बुलंदी तक पहुंचने के पीछे आप किसे श्रेय देती हैं?
-मेरी भगवना में पूरी आस्था है। मैं मुम्बई में अंधेरी ईस्ट में पति और दो बेटियों के साथ रहती हूं। अपनी एक सर्जरी होने के बाद मैंने घर में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का फैसला लिया। मैं आज भी घर पर ही ट्यूशन भी लेती हूं। मेरी बढ़ी बेटी हरमीत कौर बीएमएस कर रही है, उसे भी मैं ही पढ़ाई में मदद करती हूं। यहीं से मुझे काफी ज्ञान प्राप्त हुआ। कठिन सवालों या इंगलिश लिटरेचर जानने के लिए मैं गूगल सर्च की भी मदद लेती थी। अपने इस घरेलू ज्ञान के बूते पर मेरे अंदर केबीसी में जाने का एक अलग सा विश्वास पैदा हो गया था।
अब आप सेलिब्रिटी के रूप में नजर आएंगी, कैसा महसूस करती हैं?
-मेरे पति मनमीत साहनी चूंकि एक अभिनेता हैं और इन दिनों टीवी पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक रब से सोना में साहिबां के पिता के किरदार में हैं, से लोग मुझे पहले कुशल गृहिणी के रूप में जानते थे, लेकिन अब क्योंकि मैंने केबीसी के बड़े मंच से अपनी शुरुआत की है, इसका जीवन पर कैसा असर पड़ेगा यह तीन दिनों में जान गयी हूं। केबीसी प्रेमियों ने पहली महिला करोड़पति होने पर काफी बधाई दी।
चंडीगढ़ की याद आती है?
-जी हां, अपने पुराने शहर को मैं कैसे भूल सकती हूं। मेरे पिता अमरीक सिंह और मां सतबीर कौर बढ़ा भाई मनिंदर पाल सिंह और मैं चंडीगढ़ के सेक्टर 35 में रहते थे। मेरा अधिकतर बचपन चंडीगढ़ और मोहाली में ही बीता। पिता ट्रांसपोर्टर रहे। चंडीगढ़ के शिवालिक पब्लिक स्कूल की यादें आज भी मेरे जहन में जिंदा हैं। मैं जब भी जीरकपुर में अपने भाई मनिंदर पाल सिंह के पास जाती हूं तब चंडीगढ़ में अपनों से मिलने के लिए आती हूं। मेरी ननद खुशप्रीत कौर चंडीगढ़ में हैं, वहां मेरे जीतने पर जश्न का माहौल है। मौका मिलते ही मैं उनके पास जाने वाली हूं।
चंडीगढ़ में 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई क्यों छोड़ दी?
-मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं आगे भी पढ़ाई करूं। लेकिन अपने दादाजी के खराब स्वास्थ्य और मेरी शादी देखने की उनकी इच्छा को देखते हुए मैं आगे पढ़ाई नहीं कर पाई। शादी के बाद मैं घर के कामकाज और जिम्मेवारियों में डूब गई।
आप मुम्बई में अपना घर खरीदेंगी?
-अंधेरी ईस्ट में हमें रहते हुए करीब 25 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। यह हमारा पुश्तैनी किराये पर लिया हुुआ मकान है। घर खरीदने की इच्छा श्री साहनी पर निर्भर करती है, अभी बधाइयों का दौर है जब फुरसत मिलेगी तो इस पर भी विचार करूंगी, जब मैंने केबीसी में पांच करोड़ रुपये जीते तब पहला फोन मेरी बड़ी बेटी हरमीत कौर और छोटी बेटी सहनूर कौर का था। वे फूले नहीं समा रही थीं। वे ही मेरे आगे बढऩे का लक्ष्य रही हैं। इन दोनों ने मुझे बेहद प्रेरणा दी है। उनके लिए भी मैंने अभी बहुत कुछ करना है।
महिलाएं नहीं हैं पुरुषों से कम : अमिताभ
मुंबई, 5 जनवरी (भाषा)। पिछले दिनों दिल्ली मेंं हुए सामूहिक बलात्कार के विरोध में जब पूरा देश उबल रहा है, ऐसे समय में अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लाग में लिखा है कि यह देखकर काफी खुश हैं कि ‘कौन बनेगा करोड़पति’ मेें एक महिला ने पांच करोड़ रुपए जीतने में कामयाबी हासिल की है और उनका कहना है कि महिलाएं किसी भी मायने में पुरुषों से कम नहीं होतीं।