वैट में एक फीसदी की बढ़ोतरी
हिमाचल बजट
शशिकांत
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
शिमला, 12 मार्च। हिमाचल प्रदेश के आगामी वित्तीय वर्ष के लगभग 15 हजार करोड़ रुपए के बजट में वैट अधिनियम के तहत लगने
वाले चार प्रतिशत टैक्स को बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। यह बढ़ोतरी खाद्य तेल और खाद्यान्नों पर लागू नहीं होगी। सरकार ने राज्य में स्थापित उद्योगों और परियोजनाओं द्वारा प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं के साथ-साथ पान मसाला, तंबाकू और सिगरेट इत्यादि पर नया प्रवेश कर लगाए जाने की घोषणा भी की है। इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत राज्य में आठवीं की परीक्षा को बोर्ड परीक्षा की शर्त से मुक्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल जो राज्य के वित्त मंत्री भी हैं, ने आज यहां विधानसभा में आगामी वित्तीय वर्ष 2010-11 के बजट अनुमान पेश किए। 15,078.92 करोड़ रुपए के इन कुल अनुमानों के अनुसार इस वित्त वर्ष के दौरान राज्य की कुल राजस्व आय 11,588.55 करोड़ रुपए होगी। जबकि राजस्व व्यय की राशि के 12,093.42 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इस प्रकार राजस्व लेखों में 504.87 करोड़ रुपए का घाटा रहेगा। पूंजीगत लेखों में कुल अनुमानित प्राप्तियां 2,798.70 करोड़ रुपए तथा ऋण वापसी सहित कुल पूंजीगत व्यय 2,985.50 करोड़ रुपए होने की आशा है। वर्ष 2010-11 में राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद के मुकाबले 5.08 प्रतिशत अनुमानित है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आगामी शैक्षणिक सत्र से आठवीं की परीक्षा राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा नहीं ली जाएगी। यह परीक्षा स्कूलों द्वारा स्थानीय स्तर पर ही ली जाएगी ताकि छात्रों पर पडऩे वाले अनावश्यक पढ़ाई के दबाव को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को पर्यटन राज्य के तौर पर विकसित करने के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल को ‘अनफारगेटेबल हिमाचल ब्रांडÓ के तौर पर लाँच किया जाएगा। उन्होंने पर्यटन के विकास के लिए शिमला में शुरू की गई ‘हर घर कुछ कहता है’ की तर्ज पर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी ‘हर गांव की कहानी’ के नाम से शुरू की गई योजना की जानकारी भी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में मैडिकल तथा शैक्षणिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य में देश के अग्रणी व अच्छे होटल व्यवसायियों द्वारा होटल खोले जाने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने बजट में ‘बेटी है अनमोल योजना’ को शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत हर बीपीएल परिवार की दो लड़कियों को उनके पैदा होने पर उनके नाम से 5,100 रुपए प्रति लड़की की राशि दी जाएगी। इस राशि को डाकघर में जमा करवाया जाएगा और जब लड़की वयस्क होगी तो उसे ब्याज सहित एक सम्मानजनक राशि मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने दसवीं कक्षा में पढऩे वाली बीपीएल परिवारोंकी लड़कियों की तर्ज पर मिलने वाली छात्रवृत्ति की सुविधा को 1500 रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से जमा दो कक्षा में पढऩे वाली लड़कियों को देने का ऐलान भी किया।
उन्होंने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के प्रति वचनबद्ध है। सरकार पहले ही पंचायती राज संस्थाओंमें 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का निर्णय ले चुकी है। पंचायतों के उपप्रधानों के पदों हेतु सीधे चुनाव करवाने के लिए संबंधित कानून संशोधित किया गया है। विभिन्न स्कीमों, विशेषकर मनरेगा के सोशल ऑडिट में ग्राम सभा की भूमिका को और प्रभावी बनाया जाएगा, जिसके लिए नियम व मैनुअल सरल किए जाएंगे। आगामी वर्ष के लिए ग्रामीण विकास गतिविधियों के लिए 168.66 करोड़ रुपए की योजना राशि का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने कहा कि 20-सूत्रीय कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन और विभिन्न जिलों को इसके लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में पहले तीन स्थान प्राप्त करने वाले जिलों को हर वर्ष क्रमश: 50, 30 और 20 लाख रुपए के पुरस्कार, विकास कार्यों के लिए दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में लगभग 23 हजार मैगावाट ऊर्जा पैदा हो सकती है। अब तक लगभग 6480 मैगावाट का दोहन किया गया है जिसमें से 44 प्रतिशत क्षमता बीबीएमबी तथा पंजाब के नियंत्रण में है, जहां से राज्य की आय नगण्य है। उन्होंने कहा कि पोटैंशल का तेजी से दोहन करना होगा, जिससे राज्य को उचित आमदनी हो सके। इस दिशा में सरकार ने केंद्रीय पीएसयू तथा निजी क्षेत्र दोनों को बड़े पैमाने पर जलविद्युत विकास में शामिल करने की प्रक्रिया आरंभ की थी, जिसके अच्छे परिणाम अब मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान अलियां दोहांगन, मलाना-2, बुधील, चमेरा-3 तथा कुछ छोटी परियोजनाओं के चालू होने पर 600 मैगावाट से अधिक अतिरिक्त बिजली ग्रिड में जुडऩे की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सभी पनविद्युत परियोजनाओं पर विशेष बल दिया जाएगा ताकि कुल जलविद्युत संभावना में से 17 हजार मैगावाट कैपेसिटी का, 12वीं योजना के अंत तक, दोहन हो सके। उन्होंने कहा कि जलविद्युत संसाधन के समुचित विकास के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की मिश्रित भागीदारी की नीति को अपना रही है। निजी क्षेत्र को स्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया से आबंटित 4300 मैगावाट की परियोजनाओं से राज्य सरकार की आय में वृद्धि होगी। इसके साथ-साथ हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम तथा हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड द्वारा लगभग 3800 मैगावाट बिजली का दोहन किया जाएगा। लगभग 9000 मैगावाट ऊर्जा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के नियंत्रण में होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित और आरामदायक सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम के अतिरिक्त, निजी बस ऑपरेटरों की भी सेवाएं ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि ज्यादा संभावित दुर्घटना वाले सड़क स्थलों पर स्टील क्रैश बैरियर लगाया जाएगा ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में आनी, जुब्बल तथा रोहडू बस अड्डों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मंडी, हमीरपुर, सिरमौर और ऊना जिलों में निजी क्षत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। नर्सिंग शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 17 नए नर्सिंग विद्यालय व चार नर्सिंग महाविद्यालय खोलने की अनुमति दे दी है। सरकार ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के नर्सिंग कोर्स शुरू करने का निर्णय भी लिया है। मंडी में ईएसआई मेडिकल कॉलेज का कार्य शुरू किया जा चुका है। पालमपुर व सोलन में नए मैडिकल कॉलेज स्थापित करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।