रफ्तार पर रखें काबू, खतरनाक हैं हरियाणा के हाईवे
उपेंद्र पाण्डेय/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 जुलाई
अाप हरियाणा में हाईवे पर जा रहे हैं तो जरा संभल कर। देश में तेलंगाना की सड़कें जहां सबसे ज्यादा जानलेवा हैं वहीं हरियाणा नंबर 2 पर। 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हाईवे एक्सीडेंट में मरने वाला हर चौथा व्यक्ति इन्हीं राज्यों की सड़कों पर दम तोड़ रहा है।
चंडीगढ़ से अंबाला होकर दिल्ली को जाने वाले जीटी रोड को फोर लेन बनाने का काम 2 साल से भी अधिक लेट है। इसी जीटी रोड पर स्थित पानीपत का एलीवेटिड फ्लाईओवर कुछ माह पहले धंस गया था। नतीजा बीते 23 मार्च को इसी पानीपत एलीवेटिड फ्लाईओवर के वन वे रोड पर 2 वाहनों की भिड़ंत में 7 लोगों की जान चली गयी। इसी तरह बीते साल हिमाचल से सोनीपत आ रही 4 कालेज छात्राओं की कार रात के अंधेरे में करनाल के निकट निर्मल कुटिया वाले चौक के अधूरे फ्लाईओवर से नीचे गिर गई। चारों लड़कियों की मौत हो गई। एक अन्य हादसे में 6 जुलाई को अंबाला जीटी रोड पर शाहाबाद से लौट रहे 4 छात्र भी खूनी हाईवे की भेंट चढ़े। ये घटनाएं नमूना हैं उन हालात के, जिनके चलते हरियाणा के हाईवे देश के 2 सबसे खूनी हाईवे में शुमार हैं।
राष्ट्रीय क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार बीते साल 2014 में कुल 1 लाख 41 हजार 526 लोगों की मौत के लिए सड़क दुर्घटनाएं ही जिम्मेदार रहीं। इन जानलेवा दुर्घटनाओं में 46 हजार से भी ज्यादा मौतें राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही हुईं। हरियाणा वासियों के लिए चिंता का सबब यह है कि हाईवे पर हुई मौतों में से 13.4 प्रतिशत मौतें हरियाणा के हाईवे पर ही हुईं। आकार और आबादी के लिहाज से हरियाणा से लगभग 4 गुना बड़ा उत्तर प्रदेश जानलेवा दुर्घटनाओं के मामले में हरियाणा से पीछे है। यही नहीं उत्तरी राज्यों में पंजाब सबसे बड़ा है, किंतु सड़क दुर्घटनाओं के मामले में हरियाणा (4875) सबसे आगे है। दिल्ली, उत्तरांचल, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में होने वाली कुल सड़क दुर्घटनाओं के कुल योग से भी ज्यादा हादसे हरियाणा की सड़कों पर हुए।
रांग ओवरटेकिंग वालों से सावधान
अगर आप यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, दिल्ली से यमुनापार यूपी जा रहे हैं या फरीदाबाद से आगरा होकर उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर रहे हैं तो जरा खतरनाक ढंग से ओवरटेकिंग करने वालों से सावधान रहियेगा। बीते साल गलत ओवरटेकिंग और खतरनाक ड्राइविंग के कारण होने वाले हादसों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा बदनाम हुआ है। समूचे देश में एक चौथाई से भी ज्यादा ओवरटेकिंग व खतरनाक ड्राइविंग संबंधी दुर्घटनाएं (27.7 प्रतिशत) यूपी और महाराष्ट्र में हुई हैं। नशे की हालत में ड्राइविंग की वजह से सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार और यूपी में ही हुईं।
2014 में दुर्घटनाएं
हरियाणा 12412
दिल्ली 9235
पंजाब 7442
जम्मू-कश्मीर 5830
हिमाचल 3325
उत्तराखंड 856
पिछले साल 3544 हादसे
हरियाणा के राष्ट्रीय राजमार्गों पर पिछले साल 3544 हादसे हुए। 1766 लोगों की जान चली गई और 3079 घायल हो गए।
सबसे बड़ा कारण अोवर स्पीड
हाल में ही जारी एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ओवर स्पीड में गाड़ियां दौड़ाना ही रहा। ओवर स्पीड के कारण ही बीते साल देशवासियों ने 48654 प्रियजन खोये और 1,81,582 लोग घायल होकर अस्पताल पहुंचे। नशे की हालत में ड्राइविंग से बीते साल 2591 लोगों की मौत हुई और 7398 लोग घायल हुए। हादसों में से 1.6 प्रतिशत नशे की हालत में वाहन चलाने के कारण हुए जबकि इसके दो गुने हादसों (3.2 प्रतिशत) के लिए खराब मौसम जिम्मेदार रहा। शराबियों और मौसम की मार से जितनी जाने गईं उनसे ज्यादा हादसे (5.3 प्रतिशत) गाड़ियों में खराबियां के कारण हुए।