भारत ने सुरक्षा परिषद में दावेदारी के लिए स्विट्जरलैंड का समर्थन मांगा
आस्ट्रिया के नगर हौल्फबर्ग में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का बुधवार को स्वागत करते आस्ट्रिया के राष्ट्रपति हेंज़ िफशर। -प्रेट्र
विएना, 5 अक्तूबर (भाषा)। परमाणु शक्ति को भारत की ऊर्जा आवश्यकता का अनिवार्य तत्व करार देते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा है कि भारत सरकार के लिए देश के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सर्वोच्च वरीयता का मामला है।
कल स्विट्जरलैंड की यात्रा संपन्न करने वाली राष्ट्रपति ने भारत के शानदार अप्रसार रिकॉर्ड पर जोर दिया। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिमी) एम गणपति ने प्रतिभा की स्विट्जरलैंड यात्रा के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा,’राष्ट्रपति ने उल्लेख किया कि परमाणु ऊर्जा भारत की राष्ट्रीय ऊर्जा आवश्यकता का अनिवार्य तत्व है।’ गणपति ने बताया कि दो देशों की अपनी यात्रा के अंतिम चरण में कल रात यहां पहुंचीं प्रतिभा ने रेखांकित किया कि भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का मामला है। और सरकार वह हर चीज करेगी जो वह पारदर्शिता को मजबूत करने तथा लोगों में विश्वास बढ़ाने के लिए कर सकती है।
राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी के लिए भी स्विट्जरलैंड का समर्थन मांगा। गणपति ने बताया, ‘स्विस पक्ष ने कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र में सुधारों का समर्थन किया और माना कि स्थानीय सदस्यता की भारत की आकांक्षा जायज है।’ उन्होंने (स्विस पक्ष) कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का विस्तार किए जाने के पक्षधर हैं और भारत को इसमें एक स्थाई सदस्य होना चाहिए लेकिन जोर दिया कि स्थाई सदस्यता में विस्तार संयुक्त राष्ट्र में सुधार के सवाल से जुड़ा होना चाहिए। बदले में स्विस पक्ष ने भारत से भविष्य में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी अस्थाई सदस्यता के लिए समर्थन मांगा।