बजट 2014 : मोदी के सपने, जेटली के पंख
चित्रांकन संदीप जोशी
नयी दिल्ली, 10 जुलाई (एजेंसियां)
युवाओं और आम आदमी की उम्मीदों के पहाड़ पर खड़ी मोदी सरकार ने आज आम बजट में आम आदमी को खासी तवज्जो दी। देश को मंदी के दलदल से निकालने का इरादा जाहिर किया। आयकर में छूट की सीमा को ढाई लाख तक पहुंचाने के उपाय के साथ मध्यम वर्ग को खुश किया तो जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां की झोली भी सौगातों से भरी।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2014-15 के लिए आम बजट पेश करते हुए वित्तीय घाटे को 4.1 प्रतिशत पर रखने की चुनौती भी स्वीकार कर ली और अगले साल इसे 3.6 प्रतिशत तक सीमित करने का ²ढ़ संकल्प भी जाहिर किया। जेटली ने कहा-अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए हमारे सामने साहस भरे कदम उठाने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं है और इस समय हम दिशा देने वाले शुरूआती कदम ही उठा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने ‘चादर से ज्यादा पांव नहीं पसारने’ की नीति के साथ वित्तीय अनुशासन अपनाने पर भी ज़ोर दिया।
कहना न होगा कि मोदी सरकार का यह बजट तलवार की धार पर चलने जैसा था और आम जन को खुश कर वह अपने इम्तिहान में सफल हुए हैं।
मोदी सरकार ने दो संवेदनशील क्षेत्रों-रक्षा और बीमा में सीधे विदेश निवेश की सीमा को 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक पहुंचा दिया और अनाज तथा उर्वरकों पर सबसिडी बढ़ा दी और पेट्रोलियम पदार्थों पर इसे कम करने की घोषणा की।
गरीब वर्ग के लिए किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए 40 अरब रूपये तथा ग्रामीण आवास योजना के तहत 80 अरब रूपये की राशि रखी गई है। राजमार्गों के निर्माण और उनके विकास लिए 3 खरब 78 अरब रूपये का प्रस्ताव किया गया है।