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नये आईएसआई प्रमुख शाहरुख के मामा

इस्लामाबाद, 10 मार्च (एजेंसियां)। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ के नवनियुक्त प्रमुख जनरल जहीर उल इस्लाम बालीवुड अभिनेता शाहरुख खान के मामा हैं। जनरल इस्लाम के पिता पाकिस्तानी सेना में ब्रिगेडियर थे और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की आजाद ङ्क्षहद फौज की मशहूर तिगड़ी सहगल, ढिल्लों, शाहनवाज में से एक रहे मेजर जनरल शाहनवाज खान उनके […]
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जहीर-उल-इस्लाम

इस्लामाबाद, 10 मार्च (एजेंसियां)। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘आईएसआई’ के नवनियुक्त प्रमुख जनरल जहीर उल इस्लाम बालीवुड अभिनेता शाहरुख खान के मामा हैं। जनरल इस्लाम के पिता पाकिस्तानी सेना में ब्रिगेडियर थे और नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की आजाद ङ्क्षहद फौज की मशहूर तिगड़ी सहगल, ढिल्लों, शाहनवाज में से एक रहे मेजर जनरल शाहनवाज खान उनके भाई थे। भारत-पाकिस्तान में हुये बंटवारे के बाद जहां शाहनवाज ङ्क्षहदुस्तान आ गये वहीं उनके एक पुत्र पाकिस्तान में ही रह गये।
जनरल शाहनवाज को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सरकार में शामिल होने के लिये कहा और उन्होंने मेरठ से लोकसभा का चुनाव लड़ा। इसके बाद वह कांग्रेस की कई सरकारों में केन्द्रीय मंत्री रहे। उन्होंने शाहरुख खान की मां लतीफ फातिमा को गोद लिया था। शाहरुख खान की कई वेबसाइट्स में उनकी बायोग्राफी है जिसके अनुसार, बॉलीवुड के इस सितारे की दिवंगत मां लतीफ फातिमा शाहनवाज खान की गोद ली हुई बेटी थीं। जनरल शाहनवाज के पाकिस्तान में रह गये पुत्र महमूद नवाज ने वहां की सेना में एक कर्नल के तौर पर तरक्की पाई। हालांकि अपने पद से सेवानिवृत्त होने के बाद ही वह अपने पिता से मिलने के लिये ङ्क्षहदुस्तान आ पाये। इस्लाम को कल प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने आईएसआई का नया प्रमुख नियुक्त किया है। रावलपिंडी में जन्मे इस्लाम एक सैन्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि क्या इस्लाम कभी शाहनवाज खान से मिले थे। शाहनवाज खान का 1983 में देहांत हो गया था। शाहनवाज खान का जन्म कहूटा में हुआ था और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वह ब्रिटिश इंडियन आर्मी में पदस्थ थे। वर्ष 1942 में जब जापानी सैनिकों ने सिंगापुर पर अतिक्रमण किया था तब वह पकड़े गए थे। बाद में वह इंडियन नेशनल आर्मी में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने जापानी फौजों की तरफ से बर्मा (अब म्यामां) में ब्रिटिश फौजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों ने शाहनवाज खान को पकड़ लिया और 1946 में इंडियन नेशनल आर्मी के अन्य अधिकारियों के साथ-साथ उन पर भी मुकदमा चला। इन लोगों पर राजद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाया गया लेकिन बाद में जनता के भारी दबाव के चलते इन लोगों को बरी कर दिया गया। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। चार बार उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत भी गए। आईएसआई के अध्यक्ष पद पर इस्लाम की नियुक्ति से पहले कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों में कहा गया था कि बॉलीवुड के सितारे सैफ अली खान के चाचा मेजर जनरल इस्फंदयार अली खान पटौदी का नाम इस शीर्ष पद के लिए विचाराधीन है। पटौदी खुफिया एजेंसी में उप महानिदेशक हैं।

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