Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

एडवोकेट इंदिरा जयसिंह के घर, ऑफिस पर सीबीआई छापे

सीबीआई ने बृहस्पतिवार को प्रख्यात वकील इंदिरा जयसिंह के आवास और उनके पति आनंद ग्रोवर के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव' के कार्यालयों पर छापेमारी की।
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नयी दिल्ली, 11 जुलाई (एजेंसी)

नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को पत्रकारों से मुखातिब सुप्रीमकोर्ट की एडवोकेट इंदिरा जयसिंह। – ट्रिन्यू

Advertisement

सीबीआई ने बृहस्पतिवार को प्रख्यात वकील इंदिरा जयसिंह के आवास और उनके पति आनंद ग्रोवर के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के कार्यालयों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि जयसिंह के निजामुद्दीन स्थित आवास और कार्यालय, एनजीओ के जंगपुरा कार्यालय और मुंबई स्थित एक कार्यालय में सुबह पांच बजे से छापेमारी जारी है। एजेंसी ने विदेश सहायता प्राप्त करने के मामले में ग्रोवर के खिलाफ एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है। इस बीच, ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ ने सीबीआई के सभी आरोपों को खारिज किया है। एजेंसी ने गृह मंत्रालय (एमएचए) की शिकायत के आधार पर ग्रोवर और एनजीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि समूह द्वारा प्राप्त विदेशी सहायता के इस्तेमाल में कई विसंगतियां हैं।
पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह का नाम प्राथमिकी में आरोपियों की सूची में नहीं है लेकिन मंत्रालय की शिकायत में उनकी कथित भूमिका का जिक्र है। सीबीआई ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के अध्यक्ष ग्रोवर, संगठन के कई पदाधिकारियों के अलावा कई अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अब प्राथमिकी का हिस्सा बन चुकी गृह मंत्रालय की शिकायत के अनुसार संगठन ने विदेश से 2006-07 और 2014-15 के बीच 32.39 करोड़ रुपए की मदद हासिल की थी, जिसमें अनियमितताएं बरती गईं और यह विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन था। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा जानकारी और एनजीओ के अभिलेखों की छानबीन के आधार पर एफसीआरए 2010 के विभिन्न प्रावधानों के प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए गए। उसने कहा कि 19 से 23 जनवरी, 2016 के बीच एनजीओ के खातों और अभिलेखों की पुस्तकों का निरीक्षण किया गया। जयसिंह, ग्रोवर और ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ ने एक बयान जारी करते हुए ‘धन के दुरुपयोग के सभी आरोपों’ को खारिज किया था। बयान में कहा गया था कि जयसिंह ने सुप्रीमकोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी द्वारा देश के चीफ जस्टिस के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया का मुद्दा एक प्रबुद्ध नागरिक होने के नाते उठाया था। इसे देखते हुए लगता है कि यह बदले की कार्रवाई है।

Advertisement
×