लोकप्रिय नेता थे ओपी जिंदल
रणजीत कुमार गुप्ता
शाहाबाद मारकंडा, 30 मार्च। किसान से सफल उद्योगपति, सुप्रसिद्ध समाजसेवी व कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में स्व. ओमप्रकाश जिंदल ने जीवन की प्रत्येक कसौटी पर खरा उतर कर कर्मयोगी-सा जीवन बिताया व कठिन परिश्रम, निष्ठा और सच्चाई से प्रत्येक कार्य को उत्कृष्टता से कर अपने सपनों को साकार कर दिखाया। उनका जीवन समाज का प्रेरणा स्रोत बन, आने वाली पीढिय़ों का सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। इस्पात जगत के पुरोधा व स्वच्छ राजनीति के शिखर पुरुष को शत-शत नमन। स्व. ओम प्रकाश जिदंल उर्जा मंत्री हरियाणा सरकार (2005 ) , सांसद 11 वीं लोकसभा जिन्हें लोग प्यार से बाबू जी पुकारते थे, उनका जीवन उत्कृष्टता की छाप छोडऩे वाले जुझारू उद्योगपति व सोने सी खरी आत्मा वाले सांसद के रूप में सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। मैन आफ स्टील के अलंकरण से सुशोभित स्व. ओम प्रकाश जिंदल तकनीकी एवं इंजीनियरिंग कार्यों में अत्यधिक रुचि रखते थे। उन्होंने तकनीकी एवं इंजीनियरिंग की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली थी लेकिन इन विषयों में गहरा लगाव और गहन अभिरुचि ने उन्हें उन्नति के शिखर पर पहुंचा दिया वह ऐसे व्यक्ति थे जो सर्व प्रथम किसान थे फिर साधारण व्यापारी उसके बाद बाल्टी निर्माता और अंत में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के उद्योगपति एवं हरियाणा के लोकप्रिय नेता। उद्योग, राजनिति और जनकल्याण के क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई, औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता को नई परिभाषा दी। उनका जीवन सफर गांव की जमीन से शुरू होकर स्टील उद्योग के एक नए आसमान तक जा पहुंचा। हर क्षेत्र में आजीवन उन्होंने शून्य से शिखर तक का सफर तय किया।
वे अपने कर्मचारियों के साथ गहरा लगाव रखते थे। ओम प्रकाश अकसर कहते थे- मैं लोहे और पत्थर से स्टील तो बनाता हूं, पर दिल तो मेरा मोम का है। वे अपने कर्मचारियों को नाम से पुकारना पसंद करते थे। वे मजदूर और मैनेजर, दोनों की ही समस्याओं को बाराबर सुनते थे और हल करते थे।
औम प्रकाश जिंदल के जीवन के बारे में एक बड़ी ही रोचक कहानी प्रचलित है कि संभवत: 1951 में जब वह कोलकाता की एक सड़क से गुजर रहे थे, तब उनकी नजर किनारे ही पड़ी स्टील पाइपों के ढेर पर पड़ी, जिन पर लिखा था मेड इन इंगलैंड। उस समय उनको विचार आया कि स्टील बनाने का यह काम हम स्वयं क्यों नहीं कर सकते। इसी सोच ने उन्हें एक दिन स्टील पाइप उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। दौर बदलते रहे और सफलता उनके कदमों को चूमती रही। एक दिन ऐसा भी आया जब हरियाणा का यह होनहार युवा बिना किसी औपचारिक स्कूली शिक्षा और तकनीकी पृष्ठभूमि के अपनी मेहनत के दम पर देश का एक प्रमुख इस्पात निर्माता बना। ओम प्रकाश जिंदल के नेतृत्व में जिंदल उद्योग समूह को कई क्षेत्रों में प्रथम स्थान हासिल करने का गौरव प्राप्त है, जैसे भारत में संपूर्ण एकीकृत स्टेनलेस स्टील संयंत्र की स्थापना, बड़े व्यास के सबमज्र्ड आर्क वेल्डेड पाइप्स बनाना, स्वयं विकसित तकनीक द्वारा क्रोम बनाना शामिल है। जनसेवा के कामों के लिए उन्होंने आजीवन पहल की। स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के विस्तार में उनके योगदान को सदैव याद किया जाता रहेगा। 1991 में पहली बार वे विधायक चुने गए। 1996 में कांग्रेस की टिकट पर कुरुक्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। हिसार से दोबारा विधायक बनने के साथ ही ओम प्रकाश जिंदल ने प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। इसी दौरान अपने छोटे पुत्र नवीन जिंदल को 2004 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ाया, जिसमें उन्हें विजयश्री मिली। वर्ष 2005 में पुन: हिसार से विधायक के लिए खड़े हुए और जीत हासिल हुई। राजनीति में भ्रष्टाचार को दूर करने का सपना लिए ओम प्रकश जिंदल को ऊर्जा मंत्री बनाया गया। राजनीति और जनसेवा करते हुए उनका निधन हुआ तब तक वे लोकप्रियता के शिखर पर थे। हाल की में फोर्बस द्वारा 2011 की विश्व के अरबपतियों की सूची में सावित्री जिंदल को 56वां स्थान हासिल हुआ है। इस सूची के अनुसार सावित्री जिंदल भारत की सबसे धनवान और विश्व में पांचवें स्थान की धनी महिला हैं। बाबूजी के आदर्शों व उनके बताये मार्ग पर चलते हुए उनके चारों पुत्रों ने जी तोड़ मेहनत कर आज विश्व भर में नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। अपने पिता की ही तरह वे सभी कामयाब उद्योगपति हैं।