राम-लीला बहुत खास है : रणवीर
राम-लीला की झलकियां जब से जारी की गयी हैं तब से ही फिल्म को लेकर उत्सुकता बढ़ गयी है। आपको व्यक्तिगत रूप से कैसी प्रतिक्रिया मिल रही है?
-कमाल का रिस्पांस मिल रहा है। सबकी उम्मीदें भी काफी बढ़ गयी हैं..!
हां…,पर मुझे पूरा भरोसा है कि राम-लीला लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी। जितनी अच्छी और गानों और ट्रेलर में लग रही है, उससे कहीं ज्यादा अच्छी और भव्य है राम-लीला। अब तक लोगों को फिल्म के करेक्टर को जानने का मौका नहीं मिला है। जब लोग फिल्म में देखेंगे तब उन्हें और मजा आएगा। जो इमोशन फिल्म में दिखाए गए हैं..जो बढिय़ा-बढिय़ा सीन हमने शूट किये हैं, वे लोग जब देखेंगे तो उन्हें ऐसा लगेगा कि राम-लीला उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा बेहतर फिल्म है।
संजय लीला भंसाली का साथ मिलना आपके लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है?
बहुत बड़ी बात है। आपको एक बात बताऊं… जब मैंने फिल्म शुरू नहीं की थी तब मेरी बात एक बहुत ही सीनियर एक्टर से हो रही थी। तब उन्होंने मुझसे कहा था-तुम संजय लीला भंसाली के साथ अपनी चौथी फिल्म कर रहे हो,यह तुम्हारे लिए बड़ी बात होगी। मैंने उनके साथ काम किया है और मैं तुम्हें दावे के साथ बता सकता हूं कि तुम्हें अंदाजा नहीं होगा कि यह कितनी बड़ी बात है तुम्हारे लिए। उनके साथ काम करने के बाद पता ही तुम्हें इस बात का पता चलेगा। अब मैं उनकी बात से बिलकुल सहमत हूं । वह बेस्ट एक्टर के साथ काम करते हैं और बेस्ट एक्टर से बेस्ट परफोर्मेंस निकालते हैं। मैं आपको शब्दों में नहीं समझा सकता कि मेरे लिए कितने सौभाग्य की बात है।
इतने बड़े डायरेक्टर के साथ काम करने से पहले खुद को तैयार भी करना पड़ा?
-मुझे लगता है कि आप जितनी तैयारियां करेंगे उतने ही आत्मविश्वास के साथ आप सेट पर जायेंगे। मिस्टर भंसाली और मैंने काफी पहले से ही डिसाइड कर लिया था कि शूटिंग से पहले मैं गुजरात के गावों में जाऊंगा। वहां के लोगों से मिलूंगा। थोड़ी बहुत रिसर्च करूँगा कि वो लोग होते कैसे हैं? कैसे बात करते हैं? उनके चाल-ढाल कैसे हैं? एक हफ्ते गुजरात रहा। जाना कि वे क्या खाते हैं? कैसे बात करते हैं? अलग-अलग विषयों पर उनके क्या व्यूज हैं? काफी सीखने को मिला। सबसे ज्यादा बोलने का एक खास लहजा सीखने को मिला। उस लहजे को मैंने मिस्टर भंसाली के सामने प्रेजेंट किया जो उन्हें बेहद पसंद आया। दीपिका के साथ हमने वर्कशॉप किये। वह भी बहुत हेल्पफुल रहा। दीपिका और मैं फिल्म में आने से पहले एक-दूसरे को जानते नहीं थे। काम करने के पहले एक-दूसरे को जानना जरूरी था।
सह-कलाकार के रूप में दीपिका कितनी मददगार रहीं?
-सबसे बड़ी बात तो यह है कि वे बहुत हार्ड वर्किंग हैं। वे एक दिन में सुबह से लेकर रात तक इतनी सारी चीजें कर लेती हैं कि कमाल है! मैं तो उनको देखकर थक जाता हूं। उनमें कांफिडेंस है। उनकी डिटेलिंग भी कमाल की है। चाहे वह कॉस्टयूम की डिटेल हो, लाइन की डिटेल हो या रिएक्शन की डिटेल…वे सब पर नजर रखती हैं। वे खुद का टेक लेती हैं । माशाल्लाह! वे इतनी बड़ी स्टार हैं, पर वे स्टार वाली फीलिंग नहीं देतीं हैं। मैं सच में उन्हें बहुत एडमायर करता हूं।
निजी जीवन में राम की भूमिका से कितना इत्तेफाक रखते हैं?
-आप यकीन नहीं करेंगी कि जब मैंने इस करेक्टर के बारे में जाना तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि कोई करेक्टर मेरे इतना करीब कैसे हो सकता है। मेरे सामने राम-लीला के स्क्रिप्ट की पहले नरेशन होती थी और इस करेक्टर की एंट्री के उसके बारे में मुझे अंग्रेजी के कुछ शबदों से उसके बारे में बताया जाता। फिर जब नरेशन के दौरान मैंने सुना कि दूसरे करेक्टर राम के बारे में क्या बाते कर रहे हैं..किस तरह उसका परिचय दे रहे हैं..तो मैंने सोचा कि यह तो काफी हद तक मेरे जैसा ही है। मैं अपनी किस्मत मानता हूं कि ऐसा करेक्टर मिस्टर भंसाली ने मुझको दिया।
फिर तो राम के करेक्टर में ढालना आसान रहा होगा?
-काफी हद तक आसान रहा। मुझे बाद में लगा कि मिस्टर भंसाली अपने करेक्टर में एक एक्टर की पर्सनेलिटी को ले आते हैं। इसीलिए उनकी $िफल्में इतनी रियल और आर्गेनिक लगती हैं।
आपकी नजर में फिल्म के लिए उसकी अच्छी पैकेजिंग कितनी जरूरी है?
– फिल्म की पैकेजिंग तो बहुत जरूरी है। अगर दर्शक वीकेंड पर डेढ़ सौ रुपये देकर सिनेमा हॉल में जा रहा है तो क्यों न वह एक विजुअली भव्य फिल्म देखे। फिल्म आकर्षक लगनी चाहिए। कभी-कभी मैं कोई फिल्म देखने जाता हूं, तो कई बार ऐसा लगता है कि मेरे साथ धोखा हुआ है।
सोचता हूं कि यार..ये कैसा प्रोडक्शन वैल्यू है? आपके करियर और जीवन राम- लीला कितनी महत्वपूर्ण है?
-वैसे तो मेरे लिए हर फिल्म इम्पोर्टेन्ट है,पर राम-लीला बहुत खास है। राम- लीला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इतने बड़े कैनवास पर मैं पहली बार काम करने का मौका मिला है। कह सकता हूं कि राम-लीला मेरे लिए तो मेरी लाइफ की सबसे बड़ी फिल्म है।