यूएस में ग्रीन कार्ड की लाइन में सबसे ज्यादा भारतीय
वाशिंगटन, 7 जून (एजेंसी)
भारतीय हाई-स्किल्ड प्रोफेशनल्स के बीच ग्रीन कार्ड पाने की सबसे ज्यादा होड़ है। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए कतार में शामिल लोगों में से करीब तीन-चौथाई लोग भारतीय हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि मई 2018 तक ग्रीन कार्ड का इंतजार करने वाले कुल 3,95,025 विदेशी नागरिकों में से 3,06,601 भारतीय हैं। इसके बाद नंबर आता है चीन का, जिसके कुल 67,031 नागरिक इसके इंतजार में हैं। अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने वालों को वैध तौर पर स्थायी निवासी का दर्जा मिल जाता है, इसलिए अमेरिका में अस्थायी तौर पर काम करने वालों के बीच इसकी मांग ज्यादा है।
हालांकि इसके अलावा किसी भी अन्य देश के ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे लोगों की संख्या 10 हजार से अधिक नहीं है। अन्य देशों में अल सल्वाडोर (7252), ग्वाटेमाला (6,027), होंडुरास (5,402), फिलीपीन (1,491), मैक्सिको (700) और वियतनाम (521) है। मौजूदा कानून के तहत एक वित्त वर्ष में किसी भी देश के 7 फीसदी से अधिक नागरिकों को ग्रीन कार्ड नहीं दिया जा सकता, इसलिए भारतीयों को अमेरिका का स्थायी निवासी बनने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। स्थायी निवास में 7 प्रतिशत कोटे का सबसे बुरा असर भारतीय-अमेरिकियों पर पड़ा है। इनमें से ज्यादा भारतीय हाई स्किल्ड होते हैं और वे मुख्यत: एच-1बी कार्य वीजा पर अमेरिका आते हैं। कोटे के कारण भारत के कौशल युक्त प्रवासियों के लिए ग्रीन कार्ड के इंतजार की अवधि 70 साल तक की हो सकती है। ग्रीन कार्ड धारक अमेरिका में स्थाई निवासी हो जाता है। ग्रीन कार्ड धारक अमेरिका में वैध रूप से रह सकता है और काम कर सकता है। ग्रीन कार्ड अमेरिकी नागरिकता के लिए पहला कदम है।