जहरीले बिच्छू भी शांत हैं यहां…
क्या यह संभव है कि जहरीले बिच्छू को आपने हाथ में पकड़ा हो और वह डंक न मारे! शायद नहीं। लेकिन, उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक ऐसी दरगाह है, जहां लोग बिना डर बिच्छुओं को हाथ में लेते हैं। लोगों का विश्वास है कि दरगाह परिसर में मौजूद जहरीले बिच्छू किसी को डंक नहीं मारते। यह दरगाह है सैयद शरफुद्दीन शाह विलायत की।
इस दरगाह की करामात के बारे में प्रचलित कहानी दरगाह के खादिम अनीस अहमद ने बताई। उन्होंने बताया कि शाह वियालत 1272 ई. में इराक से यहां आए थे। गांव में शाह नसरूद्दीन नाम के एक अन्य सूफी भी थे। शाह नसरूद्दीन ने शाह विलायत से कहा कि इलाके में बहुत सारे बिच्छू और सांप हैं, जो उन्हें यहां रहने नहीं देंगे। इस पर शाह विलायत ने जवाब दिया कि मेरे स्थान पर वे किसी को नहीं डंक नहीं मारेंगे। तब से यहां बिच्छू किसी को डंक नहीं मारते।
अनीस अहमद कहते हैं, यह एक चमत्कार है। आप बाहर से भी जहरीला बिच्छू ले आएं, लेकिन यहां आते ही वह किसी को डंक नहीं मारेगा।’ उन्होंने दावा किया कि आप दुनिया के किसी भी हिस्से से कितना भी जहरीला बिच्छू यहां ले आएं, वो दरगाह परिसर में आते ही किसी को नहीं काटेगा। इसके अलावा, आप बिच्छू को अपने हाथ पर भी ले सकते हैं और ‘सूफी की इजाजत’ से उन्हें घर भी ले जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आपको यह बताना होगा कि आप बिच्छू को कब वापस लाएंगे। उस समयसीमा तक, बिच्छू नहीं काटेगा, लेकिन समयसीमा निकल जाती है, यहां तक कि एक मिनट भी ऊपर होता जाता है, तो यह खतरनाक जीव डंक मारेगा।
दरगाह पर कई पीढ़ियों से जियारत कर रहे एक परिवार के मोहम्मद अरशद ने बताया कि सूफी की इजाजत से लोग बिच्छू घर ले जाते हैं और मियाद खत्म होने से पहले वापस लौटा देते हैं। 30 साल से दरगाह में रह रहे अब्दुल कय्यूम ने बताया कि किसी भी बिच्छू ने परिसर में किसी को डंक नहीं मारा है और न कभी ऐसा हुआ है कि कोई बिच्छू को घर ले जाया गया हो तो वहां उसने डंक मारा हो। (भाषा)