गौरव सहस्त्रबुद्धे को मरणोपरांत सर्वोच्च सम्मान
नयी दिल्ली में सोमवार को एक प्रेस कान्फेंस में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मनित होने वाले बच्चे।-शाहबाज खान
नयी दिल्ली, 18 जनवरी (वार्ता)
तालाब में डूब रहे अपने दोस्तों को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवाने वाले महाराष्ट्र के गौरव कवडूजी सहस्त्रबुद्धे सहित कुल 25 बच्चों को इस वर्ष के राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है।
यहां के भारतीय बाल कल्याण परिषद में आज वर्ष 2015 के राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार के लिए तीन बच्चियों सहित कुल 25 बहादुर बच्चों के नामों की घोषणा की गई। इनमें से गौरव कडकूजी और उत्तर प्रदेश के 13 वर्षीय शिवांश सिंह को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। इन सभी बच्चों को 24 जनवरी को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित किया जाएगा तथा सभी बच्चे गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा भी लेंगे। महाराष्ट्र के नागपुर के दिवंगत 15 वर्षीय गौरव कवडूजी सहस्त्रबुद्धे को मरणोपरांत सर्वोच्च भारत पुरस्कार से सुशोभित किया जाएगा। बहादुर गौरव के स्थान पर उनके माता-पिता यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।
वहीं स्कूल बस की ट्रेन से टक्कर में दो बहुमूल्य जिंदगियां बचाने वाली तेलंगाना की 9 वर्षीय शिवमपेट रुचिता को गीता चोपड़ा पुरस्कार जबकि अपनी मां की जिंदगी बचाने के लिए बाघ से भिड़ जाने वाले उत्तराखंड के अर्जुन सिंह (16) को संजय चोपड़ा पुरस्कार दिया जाएगा।
डूब रही दो महिलाओं को बचाने वाले केरल के एरोमल एसएम (12), बिजली की चपेट में आये दो लोगों को बचाने वाले मिजोरम के रामदिनथारा (15), कुएं में गिरे एक लड़के को बचाने वाले गुजरात के राकेशभाई शनाभाई पटेल को प्रतिष्ठित बापू गैधानी पुरस्कार दिया जाएगा।
बाल वीरता पुरस्कार के लिए चुने गए अन्य बच्चों में निलेश रेवाराम भिल (महाराष्ट्र), कशिश धनानी (गुजरात), वैभव रामेश्वर घंगारे (महाराष्ट्र), दिशांत मेहंदीरत्ता (हरियाणा), चोंगथाम कुबेर मेतैई (मणिपुर), एंजेलिका टिनसांग (मेघालय), मोहित महेंद्र दलवी (महाराष्ट्र), नितिन फिलिप मैथ्यू (केरल), सर्वान्द साहा (छत्तीसगढ़), बीधोवन (केरल), आनंदु दिलीप (केरल), मॉरिस येंगखाम (मणिपुर), अभिजीत केवी (केरल), साईं कृष्णा अखिल किलाम्बी (तेलंगाना), मोहम्मद शमनाद (केरल), अबिनाश मिश्रा (ओडिशा), शिवांश सिंह (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं।