कई जगह चालान, टैक्सियां जब्त
दिल्ली में रविवार को डीज़ल से चलने वाली टैक्सियों के चालान करते पुलिस कर्मी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 मई से नगर में डीज़ल से चलने वाली टैक्सियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।-दैनिक ट्रिब्यून
नयी दिल्ली, 1 मई (भाषा)
डीजल से चलने वाली 27 हजार टैक्सियों पर प्रतिबंध आज से लागू हो गया, हालांकि इसका वास्तविक असर कल ही महसूस हो पाएगा जो रोक लगाए जाने के बाद पहला कामकाजी दिवस होगा। सुप्रीम कोर्ट ने डीजल से चलने वाली टैक्सियों को सीएनजी में बदलने के लिए समयसीमा को कल आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया था। अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में आज विभिन्न स्थानों पर स्थानीय मार्गों पर चल रही डीजल टैक्सियों को जब्त किया और उनके चालान काटे।
एक अधिकारी ने बताया कि नियमों के अनुसार जिन टैक्सियों के पास अखिल भारतीय परमिट है, उन्हें करीब 200 किलोमीटर दूरी तय करने की जरूरत है। अखिल भारतीय परमिट वाली टैक्सियां गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के भीतर नहीं चलायी जा सकतीं। ऐसी टैक्सियों के सड़कों से दूर हो जाने से मुसाफिरों को दिक्कतें हो सकती हैं क्योंकि कई डीजल कैब लोगों को दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और गाजियाबाद से लाती और ले जाती हैं।
केवल 2 हजार टैक्सियां सीएनजी में बदलीं
दिल्ली परिवहन विभाग के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में करीब 60 हजार टैक्सियां पंजीकृत हैं और उनमें से 27 हजार डीजल से चलने वाली हैं।पिछले दो महीने में करीब दो हजार डीजल टैक्सियों को सीएनजी में बदला गया है। न्यायालय का आदेश अखिल भारतीय परमिट वाली टैक्सियों पर लागू नहीं है लेकिन अधिकतर डीजल टैक्सियां स्थानीय मार्गों पर चलती हैं। इस रोक से राजधानी में टैक्सियों की उपलब्धता कम होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा बढ़ाने से कर दिया था इंकार
न्यायालय ने ऐसी टैक्सियों को सीएनजी में बदलने के लिए 30 अप्रैल की समयसीमा को और बढ़ाने से कल इंकार कर दिया था। प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा, ‘हम समय सीमा को लगातार नहीं बढ़ा सकते। अब हम इसे बढ़ा नहीं रहे हैं और न ही किसी को छूट देने जा रहे हैं। तकनीक उपलब्ध है, आप उसे बदलिए।’ पीठ ने इसके साथ ही उस अपील को भी ठुकरा दिया कि इससे गरीब ड्राइवरों की आजीविका प्रभावित होगी। पीठ ने 31 मार्च को सभी डीजल टैक्सियों को सीएनजी में बदलने के लिए 30 अप्रैल तक की समय सीमा तय की थी।