इंग्लैंड बना ट्वेंटी-20 विश्व चैम्पियन
आस्ट्रेलिया को 7 विकेट से हराया
ब्रिजटाउन, 16 मई (भाषा)। क्रिकेट के जनक इंग्लैंड का आज आखिर में वर्षों बाद विश्व चैंपियन बनने का सपना पूरा हो गया। रेयान साइडबाटम की तीखी गेंदबाजी और फिर क्रेग कीसवेटर की उम्दा बल्लेबाजी से इंग्लैंड ने आज यहां अपने चिर प्रतिद्वंद्वी आस्ट्रेलिया की उम्मीदों पर पानी फेरकर सात विकेट की धमाकेदार जीत के साथ तीसरा आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्व कप अपने नाम किया।
यह इंग्लैंड का क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में पहला विश्व खिताब है और उसने यह एशेज के अपने उस प्रतिद्वंद्वी को मात देकर इसे हासिल किया जो पहली बार क्रिकेट के छोटे प्रारूप का खिताब जीतकर भारत और पाकिस्तान की कड़ी में शामिल होना चाहता था जिन्होंने वन डे और ट्वेंटी-20 दोनों के विश्व कप जीते हैं। लेकिन इंग्लैंड की टीम पहले ओवर से ही हावी हो गई और आखिर तक उसने अपना दबदबा बनाए रखा। साइडबाटइम ने 26 रन देकर दो विकेट लिए लेकिन आस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम को झकझोरने में अहम भूमिका निभाई जिससे उसकी टीम डेविड हस्सी के 59 रन के बावजूद छह विकेट पर 147 रन ही बना पाई।
इंग्लैंड की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही और उसने पहला विकेट जल्दी गंवा दिया लेकिन दक्षिण अफ्रीका में जन्में उसके दो बल्लेबाजों कीसवेटर (49 गेंद पर 63 रन) और केविन पीटरसन (31 गेंद पर 47 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 111 रन जोड़कर आस्ट्रेलिया की रही सही आस भी खत्म कर दी। कीसवेटर ने अपनी पारी में सात चौके और दो छक्के लगाए जिससे इंग्लैंड ने 17 ओवर में ही तीन विकेट पर 148 रन बनाकर खिताब अपने नाम किया। सलामी बल्लेबाज माइकल लंब का विकेट दूसरे ओवर में ही गंवाने के बाद कीसवेटर और पीटरसन ने टीम पर किसी तरह का दबाव नहीं बनने दिया। शुरू में कीसवेटर ने तेजी दिखाई लेकिन उनके सीनियर साथी ने स्ट्राइक रोटेट करने को तरजीह दी। कीसवेटर ने शेन वाटसन पर छक्का जडऩे के बाद डर्क नानेस को निशाना बनाया और उनकी गेंद भी छह रन के लिए भेजी जबकि 30 रन के निजी योग पर जीवनदान पाने वाले पीटरसन ने शाट टैट के एक ओवर में चौका और छक्का जड़कर आस्ट्रेलियाई आक्रमण को पस्त किया।
पीटरसन जब अर्धशतक के काफी करीब थे तब स्टीवन स्मिथ की गेंद सीमा रेखा पार पहुंचाने के प्रयास में उन्होंने डेविड वार्नर को हवा में लहराता कैच थमाया। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया। इसके तुरंत बाद कीसवेटर भी जानसन की गेंद पर बोल्ड हो गए।
कप्तान पाल कोलिंगवुड (नाबाद 12) और इयोन मोर्गन (नाबाद 15) ने हालांकि टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में देर नहीं लगाई। कोलिंगवुड ने वाटसन पर छक्का और चौका जड़कर स्कोर बराबर किया और फिर मिडविकेट पर एक रन लेकर अपनी टीम को क्रिकेट के विश्व चैंपियनों की पंक्ति में शुमार किया।
इससे पहले इंग्लैंड के गेंदबाजों विशेषकर साइडबाटम ने पिच से मिल रही उछाल का पूरा फायदा उठाया और कोलिंगवुड का पहले क्षेत्ररक्षण के फैसले को सही साबित करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने मैच की तीसरी गेंद पर ही वाटसन को पवेलियन भेज दिया जिनके बल्ले के ऊपरी किनारे से लगकर गेंद विकेटकीपर क्रेग कीसवेटर के दस्तानों को छूती हुई ग्रीम स्वान के हाथों में पहुंची।
कप लीड आस्ट्रेलिया तीन अंतिम दूसरे ओवर में लंब के प्रयास से दूसरे सलामी बल्लेबाज वार्नर भी रन आउट होकर पवेलियन लौट गए जबकि साइडबाटम ने अपने अगले ओवर में ब्रैड हाडिन को आउट करके आस्ट्रेलियाई खेमे में खलबली मचा दी। आस्ट्रेलिया इससे भारी दबाव में आ गया इससे अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले 12 ओवर में केवल दो बार गेंद सीमा रेखा पार गई।
इस बीच उसने माइकल क्लार्क (27) के रूप में चौथा विकेट गंवाया जिन्होंने स्वान की गेंद हवा में खेलकर मिडविकेट पर कोलिंगवुड को आसान कैच दिया। आस्ट्रेलिया 12 ओवर तक चार विकेट पर 59 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था लेकिन 13वें ओवर में डेविड हस्सी और कैमरून व्हाइट (30) ने 21 रन बटोरे। डेविड हस्सी ने माइकल यार्डी के इस ओवर के शुरू में मिडविकेट पर छक्का जड़ा जबकि व्हाइट ने लगातार तीन गेंद पर दो चौके और एक छक्का लगाया।