गांवों में मंडराने लगा है भूस्खलन का खतरा
देहरादून, 23 सितम्बर (निस)। गत दिनों क्षेत्र में हुयी बरसात तथा भूकटाव के चलते जहां कई सम्पर्क मोटर तथा पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, वहीं कई गांवों पर भी भूस्खलन का खतरा मंडराने लगा है। प्रखण्ड उखीमठ के तहत ग्राम पंचायत जग्गी वागवान, ल्वारा, अन्द्रवाड़ी, देवर, विद्यापीठ, भैंसारी, सांकरी सहित आधा दर्जन गांवो में कई आवासीय भवन तथा गौषालायें आंषिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। अन्द्रवाड़ी में तो दो कमरों का एक भवन पूर्ण रूप से जमींदोज हो चुका है। गांव के ऊपर लगातार हो रहे भूस्खलन से गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है। साथ ही ग्राम पंचायत ल्वारा के अन्तर्गत राइका ल्वारा के तीन कक्षायें क्षतिग्रस्त, स्वच्छता अभियान के तहत बना कूड़ादान पूर्ण क्षतिग्रस्त, जिला पंचायत के अधीनस्थ ल्वारा कुण्ड पैदल मार्ग जगह जगह क्षतिग्रस्त, आवासीय भवनों तथा गौशालाओं में दरारें, गुप्तकाशी नागजगई मोटर मार्ग कई जगह क्षतिग्रस्त तथा तलगौण्डा तोक के ं एससी बस्ती में रावण गंगा के कटाव तथा भूस्खलन होने के कारण कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है।
वहीं बेडुला गांव में तो सभी सम्पर्क मार्गो के टूटने से खाद्यान्न तथा कैरोसीन का संकट भी मंडराने लगा है। सभी ग्रामीण अपने ही गांव में कैद होकर रह गये है। बिजली की नियमित आपूर्ति न होने से लोग अपना मोबाइल चार्ज करने के लिये गुप्तकाशी तथा उखीमठ जा रहे है। ग्राम प्रधान ल्वारा दिव्या देवी, अन्द्रवाड़ी वैष्णवी देवी , सामाजिक कार्यकर्ता कलम सिंह फस्र्वाण, मदमहेश्वर सेमवाल, श्रीमती कुशला देवी, विमला गुसाई, रघुबीर सिंह, विनोद कुमार, पृथ्वीधर बगवाड़ी, कैलाश पुरोहित, स्वयंबर सेमवाल, गणेश सेमवाल, अनिल आदि ने कहा कि प्रशासनिक अमला उखीमठ त्रासदी में राहत एवं बचाव कार्यो में लगे हैं, यह जरूरी भी है लेकिन कई ऐसे स्थान भी हैं जहां पर हालांकि जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ है लेकिन काश्तकारों की कई हेक्टेयर भूमि बरसात मे तबाह हो गयी है और कई भवन भी खतरे की जद में आ गये हैं। उन्होंने शासन प्रशासन से उक्त क्षेत्रो में रह रहे प्रभावित लोगो की खैरख्वाह लेने तथा तत्काल प्रभाव से मोटर मार्ग को बहाल करने की मांग की है।